tag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post2656808994118333211..comments2024-01-30T13:46:01.722+05:30Comments on रेडियोनामा: आकाशवाणी के भीष्म पितामह मेरे पापा स्वर्गीय पँडित नरेन्द्र शर्माRadionamahttp://www.blogger.com/profile/01219194757101118288noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-29170143179733685792007-09-24T22:34:00.000+05:302007-09-24T22:34:00.000+05:30बहुत अच्छा लगा संस्मरण पढ़कर और आपने इसका शीर्षक बह...बहुत अच्छा लगा संस्मरण पढ़कर और आपने इसका शीर्षक बहुत अच्छा दिया है।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-24007628817165189582007-09-17T05:33:00.000+05:302007-09-17T05:33:00.000+05:30युनूस भाई,३ अक्तूबर को ये विशाल पेडरुपी आकाशवाणी क...युनूस भाई,<BR/>३ अक्तूबर को ये विशाल पेडरुपी आकाशवाणी का क्या खास कार्यक्रम रहेगा ? <BR/>कोई खास योजना बनाई गई है क्या ? <BR/>अगर हाँ ....तो अवश्य बतायेँ ........<BR/>स स्नेह,<BR/>-- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-78285531091552181562007-09-17T05:32:00.001+05:302007-09-17T05:32:00.001+05:30नाहर भाई,हम तो छोटे थे ,जितनी बातेँ मुझे पता हैँ व...नाहर भाई,<BR/>हम तो छोटे थे ,<BR/>जितनी बातेँ मुझे पता हैँ वे सुनी हुईँ हैँ या फिर <BR/>"शेष~ अशेष " पुस्तक के सँस्मरण हैँ <BR/>वो अवश्य यहाँ प्रस्तुत करती रहुँगी<BR/>स स्नेह,<BR/>-- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-1687913757635235532007-09-17T05:32:00.000+05:302007-09-17T05:32:00.000+05:30आपका स्नेह ही तो है ये पापाजी के लिये आनूप "सुकुल ...आपका स्नेह ही तो है ये पापाजी के लिये आनूप "सुकुल जी " ,<BR/>आपका भी बहुत बहुत आभार !<BR/>स स्नेह,<BR/>-- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-84492281213538362892007-09-17T05:31:00.000+05:302007-09-17T05:31:00.000+05:30अनूप भाई,आपका बहुत बहुत आभार !स स्नेह,-- लावण्याअनूप भाई,आपका बहुत बहुत आभार !<BR/>स स्नेह,<BR/>-- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-43978143772046850562007-09-12T15:09:00.000+05:302007-09-12T15:09:00.000+05:30अच्छा लगा!!शुक्रिया इस संस्मरण को हमारे साथ बांटने...अच्छा लगा!!<BR/>शुक्रिया इस संस्मरण को हमारे साथ बांटने के लिए!!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-22606028686949887752007-09-12T05:51:00.000+05:302007-09-12T05:51:00.000+05:30बस यही यादें ही तो हैं जो साथ निभाती चलती हैं. बहु...बस यही यादें ही तो हैं जो साथ निभाती चलती हैं. बहुत ही सुन्दर लगा यह संस्मरण. और लाईये आगे भी.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-21179975047479173942007-09-11T22:40:00.000+05:302007-09-11T22:40:00.000+05:30चिट्ठाजगत पर पंजीकृत 1000 वें चिट्ठे को बधाई !! -...चिट्ठाजगत पर पंजीकृत 1000 वें चिट्ठे को बधाई !!<BR/><BR/> -- शास्त्री जे सी फिलिप<BR/><BR/>मेरा स्वप्न: सन 2010 तक 50,000 हिन्दी चिट्ठाकार एवं,<BR/>2020 में 50 लाख, एवं 2025 मे एक करोड हिन्दी चिट्ठाकार!!Shastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-35062300602318932312007-09-11T17:31:00.000+05:302007-09-11T17:31:00.000+05:30yunus लावण्या जी रेडियोनामा का मक़सद इन्हीं यादो...<A HREF="http://www.blogger.com/profile/12193351231431541587/" REL="nofollow">yunus </A><BR/>लावण्या जी <BR/>रेडियोनामा का मक़सद इन्हीं यादों को सबके साथ बांटना ही तो है ।<BR/>सभी को जानकर अच्छा लगेगा कि आपके पिताजी का लगाया गया पौधा पेड़ बन चुका है ।<BR/>तीन अक्तूबर को विविध भारती को इक्यावन वर्ष पूरे हो जायेंगे । <BR/>अभी तो आपसे बहुत कुछ जानना है । <BR/>और कई कहानियां सामने लानी हैंAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-47379228681936655952007-09-11T17:30:00.000+05:302007-09-11T17:30:00.000+05:30एक एक कर सबकी यादें बाहर निकल रही है और हमें पढ़ने ...एक एक कर सबकी यादें बाहर निकल रही है और हमें पढ़ने में आनन्द आ रहा है। <BR/>आपके पास तो रेडियो से जुड़ी बातों का खजाना होगा, हमें भी बाँटते रहियेगा। <BR/>:)<BR/><BR/><A HREF="http://mahaphil.blogspot.com/" REL="nofollow">गीतों की महफिल</A><BR/><A HREF="http://nahar.wordpress.com/" REL="nofollow">॥दस्तक॥</A>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-38628468991402325652007-09-11T17:29:00.000+05:302007-09-11T17:29:00.000+05:30अनूप शुक्लाबहुत अच्छा लगा यह संस्मरण पढ़कर। आगे भी ...<A HREF="http://www.blogger.com/profile/07001026538357885879/" REL="nofollow">अनूप शुक्ला</A><BR/>बहुत अच्छा लगा यह संस्मरण पढ़कर। आगे भी संस्मरणों का इंतजार रहेगा- टेलेंट्स जी। :)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-73850877134492319982007-09-11T17:27:00.000+05:302007-09-11T17:27:00.000+05:30अनूप भार्गवआज पहली बार देखा ये ब्लौग । आप के संस्म...<A HREF="http://www.blogger.com/profile/02237716951833306789/" REL="nofollow">अनूप भार्गव</A><BR/>आज पहली बार देखा ये ब्लौग । आप के संस्मरण पढ कर बहुत आनन्द आया । 'आकाशवाणी के भीष्म पितामह' बिल्कुल सही नाम दिया है आप नें अपने पापा को । 'सरकारी सीमितताओं के बावज़ूद 'आकाशवाणी' के कार्यक्रमों का अपना एक आकर्षण था जो हमें रेडियो से चिपके रहने के लिये मज़बूर कर देता था । आप के और और रोचक सम्स्मरणों का इन्तज़ार रहेगा ।Anonymousnoreply@blogger.com