tag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post6329823056002695016..comments2024-01-30T13:46:01.722+05:30Comments on रेडियोनामा: रेडियो सिलोनRadionamahttp://www.blogger.com/profile/01219194757101118288noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-64776656692736489132008-02-08T23:42:00.000+05:302008-02-08T23:42:00.000+05:30आदरणिय पाठक गण ,आवाझ माईक्रोफोन रेकोर्डिंग के कारण...आदरणिय पाठक गण ,<BR/>आवाझ माईक्रोफोन रेकोर्डिंग के कारणसे सिर्फ़ मेरी दो आयेगी ही , क्यों की मेरे घ्रकी मेरी आवाझ और रेदियो से प्रसारित म्रएरी आवाअझ दोनों साथ हुई है । वह सजीव प्रसारण परसों दि. ६ के दिन रात्री ७ . २५ से रात्री ८.५५ तक था । मैनें पोस्ट के अन्त में ही लिखा है । अन्नपूर्णाजी का जिक्र किया हुआ दो पहलू वाला कार्यक्रम मैंने तो पूरा सुना और गाने बहोत ही सुन्दर थे । हेमन्त कूमार और तलत मेहमूद साहब के पूरूश आवाझी संस्करण ज्यादा थे । महिला स्वर लताजी आशाजी और गीताजी के ज्यादा तर थे । ९ से ९.३० तक तलत साहब के गैरफिल्मी गीत आये थे । आशा है कि श्री अन्नपूर्णाजी मेरी आवाझ में तो नहीं पर ज्योतिजी की आवाझमें अपना नाम सुन पायी होगी । मैनें उनको यही कहा था कि आप रेडियोनामा ब्लोग कि हमारी सह लेखिका है जो पूरानी पर नयी श्रोता है और रेदियो सिलोन के बारेमें आअप्ने सबसे ज्यादा लिखा है, जिस पर मैनें सबसे ज्यादा कोमेन्ट्स लिखे है ।PIYUSH MEHTA-SURAThttps://www.blogger.com/profile/12760626174047535862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-44308445888106651672008-02-07T16:06:00.000+05:302008-02-07T16:06:00.000+05:30पीयूष जी पहली टिप्पणी मेरी है.पीयूष जी पहली टिप्पणी मेरी है.annapurnahttps://www.blogger.com/profile/05503119475056620777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-83425694382554323652008-02-07T12:34:00.000+05:302008-02-07T12:34:00.000+05:30आवाज कट सी रही है और रूक-रूक कर आ रही है।हो सकता ह...आवाज कट सी रही है और रूक-रूक कर आ रही है।<BR/><BR/>हो सकता है प्रसारण ही ऐसा रहा होगा।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-13878777074553455002008-02-07T09:53:00.000+05:302008-02-07T09:53:00.000+05:30आवाज स्पष्ट नहीं है इसीलिए मैं ठीक से नही सुन पाई ...आवाज स्पष्ट नहीं है इसीलिए मैं ठीक से नही सुन पाई . <BR/>आज सवेरे 8 बजे से मैनें सीलोन सुना दो संस्करणों के गीत बजे. सुनने में साफ उतना नहीं था. <BR/>इस बातचीत का सजीव प्रसारण कब हुआ.Anonymousnoreply@blogger.com