tag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post6393606237938949879..comments2024-01-30T13:46:01.722+05:30Comments on रेडियोनामा: गीतों की श्रृंखला जारी - अनमोल मोती फिल्म का गीतRadionamahttp://www.blogger.com/profile/01219194757101118288noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-48812512612528565342010-05-13T10:14:47.330+05:302010-05-13T10:14:47.330+05:30शायद यह गीत नही हैं...शायद यह गीत नही हैं...annapurnahttps://www.blogger.com/profile/05503119475056620777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-44209204082448392652010-05-12T17:01:47.609+05:302010-05-12T17:01:47.609+05:30पहले तो श्रृंखला जारी रखने का अनुरोध मानने के लिए ...पहले तो श्रृंखला जारी रखने का अनुरोध मानने के लिए हार्दिक धन्यवाद... रेडियो से अपना नाता भी बस कुछ इसी तरह का है जैसे आपने बयान किया ....! बचपन छूट जाता है पर उसकी यादें कभी भी नहीं छूटती ...आह आज आपने किस फिल्म के गीतों की याद दिला दी ! अनमोल मोती का एक गाना था " ए जाने चमन तेरा गोरा बदन जैसे खिलता हुआ शबाब ..."<br />और हम अपनी रचनात्मकता को कुछ इस तरह अभिव्यक्त किया करते थे .." ए जाने चमन , तेरा कोढ़ा बदन , जैसे सूखा हुआ गुलाब...ज़ालिम है तेरी नानी कयामत है तेरा बाप .." हा हा हा ! आह्ह क्या दिन थे....<br /><br />अच्छा ...यह जिस गाने की आप बात कर रही हैं कहीं यह तो नहीं है ...?<br />" कोई मेरा बचपन ला दे रे ...<br />जवानी बनके काँटा खटके ...<br />मारे दुनिया झटके ....<br /><br />कुछ ऐसा ही था ...आशा जी का गाया हुआ यह गीत !<br /><br />आपकी इस श्रृंखला के दीर्घजीवन के लिए शुभकामनायें.....रोमेंद्र सागरhttps://www.blogger.com/profile/15893431216162497924noreply@blogger.com