tag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post6582159527852725235..comments2024-01-30T13:46:01.722+05:30Comments on रेडियोनामा: युनुस खान का लेख अभिव्यक्ति पर..Radionamahttp://www.blogger.com/profile/01219194757101118288noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-43163152945992482092008-03-17T15:26:00.000+05:302008-03-17T15:26:00.000+05:30बहोत ही सुंदर लेख पर एक छोटा सा सुधार प्रस्तूत करन...बहोत ही सुंदर लेख पर एक छोटा सा सुधार प्रस्तूत करने की गुस्ताखी करने के लिये क्षमा करें । <BR/>निर्देषक श्री हरनाम सिंह रवैल साहब की मस्ताना फिल्ममें यह ’रंग डाला .....’ वाला गाना नहीण था पर सुचित्रा फिल्म्स के बेनर तले जो दूसरी मस्ताना निर्माता प्रेमजीने बनाई थी, उसमें यह गाना था, जो शायद विनोद खन्ना और भारती पर चित्रीत हुआ था, जिसमें हीरो तो मेहमूद और हिरोईन पद्दमिनी थे । <BR/>पियुष महेता ।<BR/>सुरत-३९५००१.PIYUSH MEHTA-SURAThttps://www.blogger.com/profile/12760626174047535862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-9962147888264129312008-03-17T15:17:00.000+05:302008-03-17T15:17:00.000+05:30धन्यवाद बताने के लिए.धन्यवाद बताने के लिए.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-72208650648404325812008-03-17T13:53:00.000+05:302008-03-17T13:53:00.000+05:30धन्यवाद सागर जी !पूरा लेख अच्छा लगा। लेकिन एक गीत ...धन्यवाद सागर जी !<BR/><BR/>पूरा लेख अच्छा लगा। लेकिन एक गीत यूनुस जी भूल गए। हालांकि कुछ दिन पहले ही रेडियोवाणी पर अमीर ख़ुसरो के चिट्ठे में और कुछ महीने पहले किसी चिट्ठे में मैनें इस गीत की फ़रमाइश की थी।<BR/><BR/>रेडियोवाणी पर तो फ़रमाइश पूरी नहीं हुई पर शहनाज़ (अख़्तरी) जी ने सुहाना सफ़र में कुछ ही दिन पहले ये गीत सुनवाया -<BR/><BR/>छाप तिलक छब छीनी मोसे नैना मिलाएके<BR/><BR/>फ़िल्म मैं तुलसी तेरे आँगन की आवाज़ें लता और आशा की<BR/><BR/>अमीर ख़ुसरों की रचना की पँक्तियाँ इसमें ली गई। शास्त्रीय संगीत में ढला ये गीत बेजोड़ है। फ़िल्म में भी इसका बहुत असर रहा।annapurnahttps://www.blogger.com/profile/05503119475056620777noreply@blogger.com