tag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post9081744258584066718..comments2024-01-30T13:46:01.722+05:30Comments on रेडियोनामा: भूले बिसरे गीत माला के सुनहरे मोतीRadionamahttp://www.blogger.com/profile/01219194757101118288noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-13760177498571316122007-11-06T11:57:00.000+05:302007-11-06T11:57:00.000+05:30मनीष जी, अजीत कुमार जी चिट्ठे पर आने के लिए धन्यवा...मनीष जी, अजीत कुमार जी चिट्ठे पर आने के लिए धन्यवाद।<BR/><BR/>इरफ़ान जी ग़लती की ओर ध्यान दिलाने का शुक्रिया मैनें केसी डे लिखने में ग़लती की। यहां हैद्राबाद में एफ एम गोल्ड सुन नहीं पाते फिर भी मै कोशिश करती रहती हूं कि क्या पता किसी दिन सुनने को मिल जाए।<BR/><BR/>भरत व्यास की गायकी का राज़ तो यूनुस जी ने बता दिया।<BR/><BR/>पीयूष जी रसवन्ती और मधुबन कार्यक्रम की जानकारी मुझे नहीं है। जहां तक मुझे याद आ रहा है सवेरे 10:15 से पहले शायद कुछ धुनें बजा करती थी फिर 10:55 तक शायद मंजूषा कार्यक्रम आता था जिसमें शायद ग़ैर फ़िल्मी गीत होते थे। यह अच्छी तरह से याद है कि 11:00 से 12:30 तक डेढ घण्टे के लिए मन चाहे गीत बजते थे।annapurnahttps://www.blogger.com/profile/05503119475056620777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-3710571846456277652007-11-05T23:30:00.000+05:302007-11-05T23:30:00.000+05:30श्री अन्नपूर्णाजी,भूले बिसरे गीत एक जमानेमें मधूवन...श्री अन्नपूर्णाजी,<BR/><BR/>भूले बिसरे गीत एक जमानेमें मधूवन और उसके पहेले सुबह १०.१५ पर रसवंती के नाम से हुआ करते थे वह याद है ? और सचमें भूले बिसरे गीतों की प्रस्तूती तो करीब २ साल से ही शुरू हुई है , तब तक तो पूराने सही पर जाने पहचाने हमेशा जवाँ गीत ही बजते थे ।<BR/><BR/>इरफानजी अब याद आया की डी. टी. एच. पर आपको एफ. एम. गोल्ड पर सुना है । एक बात सही है की एफ. एम. गोल्ड और रेईनबो की कार्यक्रम प्रस्तूती निजी एफ.एम. चेनलोसे बहोत ही बढी़या होती है , पर फिर भी वह पाँच मेट्रो शहरो के श्रोताओं को नज़रमें रख़ कर ही होती हे । जब की विविध भारती सारे देश के श्रोताओं को ध्यानमें रख़ती है । महाराष्ट्रके कई स्थानिय एफ. एम. केन्दोंको विविध भारती से अलग कर एफ. एम. गोल्ड से जूडा गया था तब उसका सामुहीक कडा विरोध हुआ और वे फिर विविध भारती से जूडे गये । <BR/>पियुष महेता ।PIYUSH MEHTA-SURAThttps://www.blogger.com/profile/12760626174047535862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-1282384699050681682007-11-05T19:08:00.000+05:302007-11-05T19:08:00.000+05:30अन्नपूर्णा जी श्रोता होने से उदघोषक होने तक के सफ...अन्नपूर्णा जी श्रोता होने से उदघोषक होने तक के सफर में मुझे हमेशा भूले बिसरे गीत से प्यार रहा है । मेरे छायागीत का सिलसिला गुजरे जमाने के अनमोल मोतियों वाला, भूले बिसरे के दौरान ही आया था । बहरहाल आज भी इस कार्यक्रम में <BR/>ताज़गी है दम है । इरफान भाई भरत व्यास ने कई गीत गाये हैं । कविराजा उनमें से एक है । जल्दी ही इसे रेडियोवाणी पर सुनवाया जायेगा । भूपिंदर वाले हैंगओवर से गुज़रने के बाद ।Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-16868458543017032632007-11-05T18:54:00.000+05:302007-11-05T18:54:00.000+05:30केसी डे को आप केसरी कह रही हैं, क्या राज़ है बताएं....केसी डे को आप केसरी कह रही हैं, क्या राज़ है बताएं. भरत व्यास का गया? क्या आप लिखा कहना चहती हैं? भूले बिसरे गीत सुनने के लिये आप इन दिनों एफ़एम गोल्ड पर मेरा प्रोग्राम "दिल ने फिर याद किया" भी सुन सकती हैं.एक विनम्र प्रयास है अपनी धरोहर को संजोने का.पसंद आयेगा.इरफ़ानhttps://www.blogger.com/profile/10501038463249806391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-17919211052811165002007-11-05T17:41:00.000+05:302007-11-05T17:41:00.000+05:30हमेशा तो नहीं पर कभी-कभी तो भूले बिसरे दीत सुन ही ...हमेशा तो नहीं पर कभी-कभी तो भूले बिसरे दीत सुन ही लेता हूँ. कई गीत तो मन की गहराइयों में उतर जाते हैं. सहगल साहब के गीत के लिए जो उपमा आपने चुनी है वो बिल्कुल सटीक है.<BR/>प्रस्तुति के लिए धन्यवाद.डॉ. अजीत कुमारhttps://www.blogger.com/profile/10047691305665129243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3782548319482564737.post-52129167051948414152007-11-05T16:51:00.000+05:302007-11-05T16:51:00.000+05:30आफिस की आपाधापी में ये कार्यक्रम अब सुन नहीं पाता।...आफिस की आपाधापी में ये कार्यक्रम अब सुन नहीं पाता। शुक्रिया आज के इसके स्वरूप से परिचय कराने का।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.com