Saturday, September 29, 2007

बताइये कौन सा गाना है

क्विज़ रेडियो- एक
यारों ने इतनी बार ये गाने सुने हैं कि गाने की opening music सुनते ही उसके साथ गुनगुना उठते हैं. अस्सी फ़ीसदी बार ये सटीक निकलता है. आप का कहना है कि सौ फ़ीसदी सही होता है, तो आपकी ही बदगुमानियों से टकराएगा ये शुरुआती टुकड़ा.
बूझिये कि कौन सा गाना है?
क्ल्यू: फ़िल्म में अशोक कुमार और मधुबाला मुख्य भूमिकाओं में.






10 comments:

  1. इरफान भाई, ये तो चीटिंग है, इतना मुश्किल सवाल? देखें कौन जवाब दे पाता है।
    वैसे क्विज मजेदार रखा, अगली बार थोड़ा आसान रखें तो हम भी कोशिश करेंगे।

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  2. धुन तो सुना हुआ है, पर कुछ याद नहीं आ रहा है.. :(

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  3. श्री इरफा़नजी,

    ऐसी क्विज के लिते बधाई ।
    यह शुरूआती संगीत फ़िल्म हावडा़ ब्रिज के गीत ’देख के तेरी नज़र, बेक़रार हो गये’ का है जो शक्ति सामंतजी के निर्देषन में थी । संगीत स्व. श्री ओ. पी. नैयर का था । और आवाझे उनके प्रिय गायक महंमद रफी़ और उनकी प्रिय गायिका आशा भोंसलेजी की है । मेरे पास इस गाने की विविध भारती सेवा से प्रसारित रेवाचंद शर्मा द्वारा एकोर्डियन पर बजाई धून की ध्वनि-मूद्री भी है । जो पोलिडोर (म्यूझिक) इन्डिया ने जारि की हूई एल. पी. में से है ।

    पियुष महेता
    सुरत-३९५००१.

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  4. इसे कहते हैं प्‍यार से परेशान करना ।
    बड़ा मज़ा आ रहा है । सच मानिए गुदगुदाए हुए हैं ।

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  5. बहुत मुश्किल है भाई मान ली हार

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  6. इरफानजी,
    लगता है कि सजीवजी ने मेरी टिपणी पर गौर नहीं किया लगता है । आपके कन्फर्मेसन का इन्तेझार है । शायद युनूसजी तो जान ही गये होगे ।
    पियुष महेता

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  7. पियूषजी,
    आपने बिल्कुल ठीक पहचाना यह शुरूआती संगीत फ़िल्म "हावड़ा ब्रिज" के गीत "देख के तेरी नज़र, बेक़रार हो गये" का है जो शक्ति सामंतजी के निर्देशन में थी ।
    मैं कल थोड़ा व्यस्त हुआ फिर जिस सिस्टम पर बैठा वहां हिंदी का सिलसिला नहीं था. मैंने यूनुस भाई को रेफ़री की बागडोर सौंप दी थी ताकि वो विजेता का नाम घोषित कर दें. बल्कि मैंने तो उनसे विजेता को रेडियोरत्न से सम्मानित करने का सुझाव भी दिया था. अब रेडियोनामा के संचालक के बतौर वो जो बेहतर समझें करें.

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  8. ईरफानजी,
    अगला क्विज़का इन्तेझार है ।
    पियुष महेता ।

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  9. इरफ़ान भाई का संदेश मिला था । मेरी भी व्‍यस्‍तताएं रहीं इसलिए देर हुई । इरफ़ान के सुझाव के मुताबिक़ इस सवाल का जवाब सही देने वाले को रेडियोरत्‍न से सम्‍मानित किया जाना चाहिये तो हमारे रेडियो रत्‍न बन गये हैं सूरत के भाई पियूष मेहता । इरफा़न से निवेदन है कि ये सिलसिला जारी रखें ।

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  10. पहचान तो गए थे . अब अगली धुन् का इंतज़ार है।

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