Saturday, March 1, 2008

शानदार शनिवार--पंडित नरेंद्र शर्मा की जयमाला और प्रीतम सरगम के सितारे

रेडियोनामा के पाठक पंडित नरेंद्र शर्मा से अपरिचित नहीं हैं । हम रेडियोनामा पर कई बार जिक्र कर चुके हैं कि विख्‍यात कवि, गीतकार और ब्रॉडकास्‍टर पंडित नरेंद्र शर्मा विविध भारती के पितृपुरूष रहे हैं । विविध भारती की स्‍थापना, उसके कार्यक्रमों के स्‍वरूप और नामकरण में पंडित जी का अप्रतिम योगदान रहा है । ये हमारा सौभाग्‍य रहा है कि उनकी सुपुत्री लावण्‍या शाह रेडियोनामा से नियमित रूप से जुड़ी हैं और परदेस में रहते हुए भी रेडियोनामा के लिए नियमित आलेख लिखती और भेजती रही हैं । कल ई-मेल के ज़रिए उन्‍होंने अपने पिताजी का एक ऑडियो क्लिप भेजा है । मुझे लगता है कि ये जयमाला कार्यक्रम का अंश है । इस ऑडियो-क्लिप में पंडित नरेंद्र शर्मा कुछ कॉम्‍पेयरिंग करते हुए फिल्‍मी/गैरफिल्‍मी गीत बजा रहे हैं । आपको बता दूं कि इस ऑडियो-क्लिप में दो गीत भी शामिल हैं । एक फिल्‍म 'उत्‍सव' का 'सांझ ढले गगन तले' और दूसरा एक भजन है, छाया गांगुली की आवाज़ में---'तुम्‍हीं मेरे रसना' ।

मुझे विश्‍वास है कि रेडियोनामा के पाठकों के लिए ये एक दिव्‍य अनुभव होगा ।

पंडित नरेंद्र शर्मा की आवाज़--लावण्‍या जी के ख़ज़ाने से ।

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अरे हां एक सूचना देनी रह गयी थी । आज विविध भारती पर शाम चार बजे आप सुन सकते हैं युवा संगीतकार प्रीतम से रेडियो सखी ममता की लंबी बातचीत पर आधारित कार्यक्रम का पहला भाग । रेडियोनामा के पाठकों को बता दें कि इस कार्यक्रम में प्रीतम ने अपने कई गीतों की रचना प्रक्रिया की चर्चा की है । तो ज़रूर सुनिएगा ।

6 comments:

  1. आपका सच्चे दिल से शुक्रिया मेरे युनूस भाई

    २८ फरवरी मेरे पापा जी की साल गिरह है और उनकी आवाज़ 'रेदियोनामा " के जरिये सभी के लिए सुनवा कर आपने , मुझे खुशी दी है --
    स स्नेह,

    -- लावण्या

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  2. यूनुस भाई आपका और लावण्या जी दोनों का बहुत-बहुत आभार।

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  3. आपका बहुत बहुत शुक्रिया यूनुस भाई और लावण्या जी कि आपने पंडित जी की आवाज़ को हमारे सामने रखा. शायद मैंने उनको कभी नहीं सुना था. और मेरे पसंदीदा गायक सुरेश वाडकर जी का " साँझ ढले गगन तले" जिसे मैं अक्सर गुनगुनाता रहता हूँ, सुनवाने के लिए भी धन्यवाद. लगता है कि रेकॉर्डिंग स्पीड थोड़ी सी ज्यादा है.

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  4. Yunusbhai
    Thanx for a great clip. Our sincere Shradhdhanjali to Papaji.

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  5. पंडित जी की आवाज सुन कर बहुत अच्छा लगा, गानों का चयन भी बहुत बड़िया था॥लावण्या जी को धन्यवाद

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  6. सभी को पुन: पुनः धन्य्वाद
    खास तौर से युनूस भाई को !

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आपकी टिप्पणी के लिये धन्यवाद।