आकाशवाणी के समाचार प्रस्तुत करने के तरीके में जब बदलाव आया तब एक स्वागत योग्य निर्णय यह भी रहा कि समाचार प्रभाग द्वारा समसामयिक विषयों पर चर्चा कार्यक्रम का आयोजन हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में चर्चा का विषय है और करेंट अफ़ेयर्स शीर्षक से किया जाने लगा।
इन दोनों ही भाषाओं के कार्यक्रम को आकाशवाणी के सभी केन्द्र रिले करते थे। एफ़ एम गोल्ड जैसे केन्द्र पर भी और अतिरिक्त मीटरों पर भी इसे सुना जा सकता था। रात में लगभग आठ बजे के आस-पास प्रसारित होने वाले इन कार्यक्रमों की सूचना सात बजे के समाचार बुलेटिन में अनिवार्य रूप से दी जाती थी।
पहले यह कार्यक्रम साप्ताहिक आयोजित होता था फिर पाक्षिक होने लगा। कुछ समय पहले तक इस तरह की चर्चाएं नियमित तो आयोजित नहीं होती थी पर विशेष अवसरों पर अवश्य आयोजन होता था। पर अब तो लग रहा है जैसे यह समाप्त ही हो गया है।
अभी-अभी आन्ध्रप्रदेश में उपचुनाव संपन्न हुए इससे पहले कर्नाटक में चुनाव हुए पर आकाशवाणी के समाचार प्रभाग ने कोई चर्चा का कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जबकि पहले ऐसे अवसरों पर चर्चाएं अवश्य प्रसारित होती थी।
इसके अलावा आम बजट, रेल बजट यहाँ तक कि पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों पर भी चर्चाएं हुई। सभी चर्चाओं में विषय के अच्छे जानकार भाग लेते थे जिनमें विश्वविद्यालय के कुलपति और विभिन्न संस्थाओं के निदेशक भी सम्मिलित होते थे। कायदे से चर्चाओं का संचालन हिन्दी और अंग्रेज़ी के प्रमुख समाचार पत्रों के पत्रकार, संपादक किया करते थे।
अगर ऐसी चर्चाएं समय-समय पर आयोजित होती रहे तो अच्छा रहेगा क्योंकि इससे अच्छी जानकारी मिल जाती है।
ऐसी चर्चा तो जारी रहनी चाहिए थी।
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