Tuesday, August 4, 2009

किशोर कुमार का गाया फ़िल्म एक मुट्ठी आसमान का रोमांटिक गीत

आज किशोर कुमार के जन्मदिन के अवसर पर हम याद कर रहे है उनका शांत लहज़े में गाया एक रोमांटिक युगल गीत जिसमें उनके साथ आवाज़ मिलायी है शायद वाणी जयराम ने। फ़िल्म का नाम है - एक मुट्ठी आसमान

यह फ़िल्म सत्तर के दशक में शायद 1973 के आसपास रिलीज़ हुई थी। इसमें नायक है विजय अरोड़ा। सत्तर के दशक में विजय अरोड़ा और अनिल धवन दोनों नायक के रूप में लोकप्रिय हो रहे थे।

इस फ़िल्म में अचला सचदेव की भी एक महत्वपूर्ण भूमिका है। बहुत अच्छी फ़िल्म है यह पर सफल नहीं हो पाई। इस फ़िल्म का यह युगल गीत विविध भारती के विभिन्न कार्यक्रमों में बहुत सुनवाया जाता था। अब बहुत समय से सुनवाया नहीं गया है। इस फ़िल्म के जो बोल मुझे याद आ रहे है वो इस तरह है -

तू लाली है सवेरे वाली गगन रंग दे तू मेरे मन का (किशोर कुमार)
जो सूरज तू मैं धरती तेरी तू साथी है मेरे जीवन का (वाणी जयराम)

तेरे मेरे बीच की मिटेगी कब दूरी (किशोर कुमार)
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ (वाणी जयराम)
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तुम हो निगाहों में कब आओगी बाहों में (किशोर कुमार)
तुम में जो हिम्मत हो मुझसे मुहब्बत हो (वाणी जयराम)
जग से मुझे छीन लो
तू लाली है सवेरे वाली गगन रंग दे तू मेरे मन का (किशोर कुमार)
जो सूरज तू मैं धरती तेरी तू साथी है मेरे जीवन का (वाणी जयराम)

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आँचल की मुझे छाँव दो (किशोर कुमार)
तू लाली है सवेरे वाली गगन रंग दे तू मेरे मन का (किशोर कुमार)
जो सूरज तू मैं धरती तेरी तू साथी है मेरे जीवन का (वाणी जयराम)

पहले बिना संगीत के दोनों मुखड़ा गाते है फिर धीरे-धीरे संगीत उभरता है। इस तरह सुनने में बहुत अच्छा, किशोर कुमार के गाए गंभीर शांत गीतों में से एक है।

पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…

2 comments:

  1. मित्र , बहुत ही सुन्दर और उपयुक्त गीत आपने चुना, किशोरदा की जन्मदिन पर :)

    मीनमेख निकलने के क्षमा चाहता हूँ,परन्तु यह गीत 'अभी तो जी लें' (१९७७) का है, आशा जी और किशोर जी ने गया है और संगीत सपन जगमोहन का है. यह जया और डैनी पर फिल्माया गया था.

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  2. मैं भी नरेश जी से सहमत हूँ और अत्यंत ही विनम्रता के साथ आपकी भूल में सुधार करना चाहूंगा ! वास्तव में जिस गीत का उल्लेख आपने किया वो मधुर गीत "तू लाली है सवेरे वाली गगन रंग दे तू मेरे मन का..." नहीं अपितु "प्यार कभी कम ना करना सनम - हर कमी गवारा कर लेंगे ..." है ! पूरे सन्दर्भ के लिए मैं किशोर कुमार और सुमन कल्यानपुर के गाये इस गीत की लिपि प्रस्तुत कर रहा हूँ....!
    ( शेष इसे अन्यथा ना ले...यह प्रयास केवल संगीत प्रेमियों के लिए ही है और इसके विषय में भी यही कहा जा सकता है की...."पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…" )


    गीत "प्यार कभी कम ना करना सनम "
    फिल्म :एक मुट्ठी आसमान

    प्यार कभी कम ना करना सनम - हर कमी गवारा कर लेंगे
    सीने से तुम जो लगा के रखो - काँटों पे गुज़ारा कर लेंगे !!

    दिल है तो अरमां मचलेंगे -
    सागर में तूफा मचलेंगे
    सागर में तूफा मचलेंगे .....
    साथ अगर जो हमारे रहो ,
    तूफां को किनारा कर लेंगे
    प्यार कभी कम ना करना सनम - हर कमी गवारा कर लेंगे !!

    जब से प्यार दिल में जागा , हमने तो बस तुमको माँगा
    हमने तो बस तुमको माँगा ....
    तुमने अगर जो किनारा किया दुनिया से किनारा कर लेंगे

    प्यार कभी कम ना करना सनम - हर कमी गवारा कर लेंगे
    सीने से तुम जो लगा के रखो - काँटों पे गुज़ारा कर लेंगे !!

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