Tuesday, September 1, 2009

फिल्म एक मुट्ठी आसमान का शीर्षक गीत

आज याद आ रहा है फिल्म एक मुट्ठी आसमान का शीर्षक गीत जिसे किशोर कुमार ने गाया है.

पहले रेडियो के सभी केन्द्रों से बहुत सुना करते थे पर अब बहुत दिनों से नही सुना. इस गीत का केवल मुखडा मुझे याद आ रहा है जो इस तरह है -

हर कोई चाहता है एक मुट्ठी आसमान
हर कोई ढूँढता है एक मुट्ठी आसमान
कोई सीने से लगा ले उसका है अरमान
हर कोई ढूँढता है एक मुट्ठी आसमान

पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…

7 comments:

  1. ---bahut hi khoobsurat geet yaad dilaaya aap ne!shukriya--lijeeye poora gana--kya bol likhe hain indivar sahab ne..
    Film: Ek Mutthi Aasmaan

    संगीतकार - मदन मोहन
    गीतकार - इन्दीवर
    गायक : किशोर कुमार

    हर कोई चाहता है, इक मुट्ठी आसमान
    हर कोई ढूँढता है, इक मुट्ठी आसमान
    जो सीने से लगा ले, हो ऐसा इक जहान
    हर कोई चाहता है, इक मुट्ठी आसमान, हर कोई ...

    चाँद सितारों का मेला है, ये दिल फिर भी अकेला है \- २
    महफ़िल में है शहनाई, फिर भी दिल में है तनहाई
    है साँसों में जैसे कई तूफ़ान, हर कोई, हर कोई ...

    मिलता नहीं क्या यहाँ ऐ दिल, फिर क्यों ना मिले गीतों की मंजिल
    चलते जाना यूँ ही राहों में, भर ही लगा कोई बाहों मैं
    हमेशा रहेगा ना दिल वीरान, हर कोई, हर कोई ...

    हर कोई ...
    मुझको जीने का कोई सहारा मिला, ग़म के तूफ़ान में कोई किनारा मिला
    सूनी सूनी थी जो राहें, बन गयी प्यार की बाहें
    लो खुशियों से मेरी हुई पहचान, हर कोई, हर कोई ...


    सौदा है रिश्तेदारी, यारी एक दिखावा है
    अपना क्या है दुनिया में, मन का एक छलावा है
    कहाँ मिलेगा तुझको यार, ज़हर भरी दुनिया में प्यार
    सभी अजनबी हैं सभी अन्जान \- २, हर कोई, हर कोई ...


    इन्सान होना काफ़ी है, कोई फ़रिश्ता नहीं तो क्या
    दिलों के रिश्ते क्या काम हैं, खून का रिश्ता नहीं तो क्या
    गैर ही बनते हैं अपने, सच हो जाते हैं सपने
    जो दिल का हो सच्चा अगर इन्सान, हर कोई, हर कोई ...

    ------------------------------

    :)

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  2. 'इन्सान होना काफ़ी है, कोई फ़रिश्ता नहीं तो क्या
    दिलों के रिश्ते क्या कम हैं, खून का रिश्ता नहीं तो क्या
    गैर ही बनते हैं अपने, सच हो जाते हैं सपने
    जो दिल का हो सच्चा अगर इन्सान!'

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  3. वाह एक और हमारा पसंदीदा गाना, हम अक्सर इस गाने की पहली पंक्ति आम बोलचाल में इस्तेमाल करते हैं। ये गाना अनिल धवन जी पर फ़िल्माया गया है इतना तो याद है, लेकिन फ़िल्म का नाम भी एक मुठ्ठी आसमान है ये न पता था, अल्पना जी का धन्यवाद अब आप इस गाने को सुनवा भी दें तो पुरानी यादें ताजा हो जायें

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  4. shayad liberarry main nahi hoga vividh bharti ke

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  5. विजय अरोरा पर फिल्माया गया है ...

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