Tuesday, November 3, 2009

महिलाओं की पारम्परिक भारतीय छवि को दर्शाता गीत

आज महिलाओं की पारम्परिक भारतीय छवि को दर्शाता एक गीत याद आ रहा है जो पहले रेडियो से बहुत सुनवाया जाता था। अब तो एक अर्सा हो गया यह गीत सुने।

इस गीत को गाया है लता जी ने, यह एक ही पक्की जानकारी है मेरे पास। फ़िल्म का नाम मुझे न याद आ रहा है और न ही मैं कोई अंदाज़ा लगा पा रही हूँ, न ही इतने अच्छे बोल देने वाले गीतकार का नाम याद आ रहा है और न ही संगीतकार का नाम जिसने कम वाद्यों का प्रयोग करते हुए केवल आवाज़ को ही उभार कर इस गीत की मधुरता से ज्यादा भाव के महत्व को उभारा है। इतना अंदाज़ा है कि यह फ़िल्म शायद साठ के दशक की है। इसकी धुन मुझे याद है और जितने बोल याद आ रहे है वो इस तरह है -

नारी जीवन झूले की तरह इस पार कभी उस पार कभी
होठों पे मधुर मुस्कान कभी आँखों में असुवन धार कभी
नारी जीवन झूले की तरह इस पार कभी उस पार कभी

दिए की तरह ख़ुद जलती है दुनिया को उजाला देती है
दुनिया को उजाला देती है
कभी --------- और ------------- कभी
नारी जीवन झूले की तरह इस पार कभी उस पार कभी

दुनिया को सब सुख देती है माँ बेटी बहन पत्नी बन कर
माँ बेटी बहन पत्नी बन कर
कभी --------- और ------------- कभी
नारी जीवन झूले की तरह इस पार कभी उस पार कभी

यही सीता बनी यही मीरा बनी यही रानी बनी थी झाँसी की
यही रानी बनी थी झाँसी की
कभी फूल चढाए श्रृद्धा के और हाथों में ली तलवार कभी
नारी जीवन झूले की तरह इस पार कभी उस पार कभी

पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…

3 comments:

  1. बढिया गीत है इसके डीटेल्स जानने की उत्सुकता रहेगी

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  2. Geet ke details-
    FILM - AURAT (1967)
    Actress--PADMINI, NAZIMA
    Produced By: GEMINI COMBINES
    Directed By: S.S.VASAN & S.S.BALAN
    Music By: RAVI.
    Lyrics : SHAKEEL BADAYUNI

    Yah geet Lata ji ka hi gaya hua hai.

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आपकी टिप्पणी के लिये धन्यवाद।