1977 के आसपास एक फिल्म रिलीज हुई थी - सलाखें
यह सुलक्षणा पंडित अभिनीत अच्छी फिल्म हैं। इसमे नायक जितेन्द्र हैं या संजीव कुमार या इसमे दोनों ही हैं, मुझे ठीक से याद नही।
इसके गीत भी शायद सुलक्षणा पंडित ने ही गाए हैं जो विविध भारती सहित रेडियो के सभी केन्द्रों पर पहले बहुत सुनवाए जाते थे। अब लम्बे समय से नही सुनवाए जा रहे हैं। मुझे एक भी गीत का एक भी बोल याद नही आ रहा हैं।
पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…
इस फिल्म का एक गाना उन्होंनें हेमलता के साथ गाया हुआ है, जिसके बोल है 'चल चल कहीं अकेले ।
ReplyDeleteपियुष महेता ।
सुरत ।
dil dhundhta hai fir vahi fursat k char din
ReplyDeleteश्री जावेद शाह साबह,
ReplyDeleteआपने फिल्म मोसम के श्री भूपेन्द्र द्वारा गाये एकल और लताजी के साथ गाये युगल, इस प्रकार दो पहलू वाले इस गीत का इधर जिक्र क्यों किया है । ग्यारह महिने के बाद भी कोमेन्ट मिलती है वह एक रूप से खुशी की बात है ।
पियुष महेता ।
सुरत-395001.
http://www.youtube.com/watch?v=nkBnAFan-7k
ReplyDeleteयहाँ पर ये पूरा गाना है ..