साठ के दशक के अंतिम दौर में एक फिल्म रिलीज हुई थी - गुनाहों का देवता
इस फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में हैं जितेन्द्र, राजश्री और टुनटुन। इस फिल्म के गीत बहुत लोकप्रिय हुए थे और रेडियो से बहुत सुनवाए जाते थे। बहुत दिन हुए ये गीत नही सुने। आज मुकेश के गाए शीर्षक गीत के कुछ बोल याद आ रहे हैं -
चाहा था बनूंगा ------------- का देवता
मुझको बना दिया हैं गुनाहों का देवता
पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…
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