प्रिय पाठक गण,
आज मेरे बचपन से माने 12 साल की उम्र से चहीते और आज भी वैसे ही वहीते पियानो पियानो-एकोर्डियन, एलेक्ट्रीक ओर्गन और सिन्थेसाईझर वादक और कई नामी संगीत कारों के चहीते सिर्फ़ वादक ही नहीं पर वाद्य-वृंद एरेन्जर-संचालक और कुछ: हिन्दी और क्षेत्रीय भाषा के टीवी धारावाहीको के संगीत कार या एरेन्जर रह चूके श्री एनोक डेनियेल्स साहब का जनम दिन है । और आज जीवन के इस पडाव पर भी वे अपनी सक्रीयता बनाये हुए है तो रेडियोनामा के लेख़क समूह और पाठक गाण की और से उनको बधाई देते हुए उनके आज जैसे ही स्वस्थ ब्ने रहेने के और 100 से भी ज़्यादा साल तक सक्रीयता बनाये रख़ें और हमारा मनोरंजन करते रहे वैसी शुभ: कामना के साथ कुछ: साल पहेले बिल्लीमोरा में उनका जो शॉ सेक्षोफोन और वेस्टर्न फ्ल्यूट वादक श्याम राज जी के साथ प्रस्तूत किया था और उस शॉ के ओरगेनाईझर गुन्जन ललितकल के श्री नरेश मिस्त्री के सौजन्य से एक गीत मांग के साथ तूम्हारा-फिल्म नया दौर- के गीत की धून का अंश दृष्य स्वरूपमें प्रस्तूत कर रहा हूँ । (इस गीत की इसी कलाकार से इसी साझ पर कोई धून रेकोर्ड म्यूझी-केरसेट या ऑडियो सीडी पर अन्यत्र प्रकाशीत नहीं हुई है ।)
और नीचे उस शॉ के देख़ने के दो-चार दिन बाद उस समय रेडियो श्री लंका हिन्दी सेवा पर गीनी चूनी फ़िल्मो गानो से (एस. एम. एस. के बहाने वीबीएस के तराने की तरह ही तो) तैयार सजीव फोन –इन कार्यक्रम ‘गीत मेरे मीत’ के दौरान मैनें इस शॉ के बारेमें और श्री एनोक डेनियेल्स साहब के बारेमें उद्दघोषिका श्रीमती ज्योति परमारजी से जो बात की थी वह बात और मेरी पसंद के गाने का अंश (जो विविध भारती से सुनाई पड़ने का याद नहीं आता) भी आप सुन पायेंगे ।
एक बात और की रेडियो श्री लंका –हिन्दी सेवा से उद्दघोषिका श्री पद्दमिनी परेराजीने सुबह 6 बजे (6.17 तक़ सिर्फ 41 मीटर्स पर सुनाई पडा बादमें 25 मीटर पर पर नेट पर आज नहीं आया ) मेरे जीवन साथी –फिल्म साथी और दूरीयाँ नज़दीकीयाँ -फिल्म दुनिया) और करीब 7.30 से पहेले मेरा और अन्य श्रोता का बघाई संदेश प्रस्तूत करते हुए फिल्म संबंध से चल अकेला (सब धूने उनकी एल पी डिलाईटफूल डझन्स ओन एकोर्डियन बाय एनोक डेनियेल्स से जो बाद में म्यूझीकेसेट ऑडियो सीडी के रूपमें प्रकाशीत हुई और विविध भारती सेवा के पास एलपी और सीडी दोनों है पर बजाने का नाम नहीं । )
धून सुनवाई थी ।
आकाशवाणी अमदावाद का भी आज स्थापना दिन है तो उसको भी हमारा लोगों की और से बघाई और शुभ: कामनाएँ ।
आप की राय का इच्छूक,
पियुष महेता ।
सुरत ।
इस पोस्ट के लिए धन्यवाद !
ReplyDeleteकार्यक्रम की धुन अच्छी लगी।
आपकी रेडियो श्री लंका से हुई बातचीत भी अच्छी लगी। फिल्म दुनिया का यह गीत - दूरियां नजदीकियां बन गई अजब इत्तेफाक हैं की चर्चा अच्छी लगी। देव आनंद और वैजंतीमाला की इस फिल्म के दूसरे गीत को मैंने अपनी श्रंखला में याद दिलाया था पर इस फिल्म का एक भी गीत सुनने को नही मिला। अगर यह धुन यहाँ प्रस्तुत होती तो सुनना अच्छा लगता।
डेनियल्स साहब को जन्मदिन की शुभकामनाएं ! हम उनके अच्छे स्वास्थ्य और चिरायु की कामना करते हैं।
kala ke parkhi Piyush ji ko is post ke liye dhanyawad..Enoch Deniel saheb ki dhoon to lajawab thi hi jyoti ji aur apki baatchit ka ansh bhi achcha laga..khushi hoti hai main us radio ceylon se judi hun jise log itna pyar karte hain..deniyel saheb ko janmdin ki hardik sbhkamnaen dete hue main unke liy swasth aur lambi umra ki kamna karti hun..
ReplyDeleteडेनियल्स साहब को जन्मदिन की शुभकामनाएं.
ReplyDeleteNice blog thaanks for posting
ReplyDelete