
पंजाब ने नींबू के इस महत्त्व को बरसों पहले स्वीकार कर लिया था और इस पर लोकगीत भी रच डाला था - ओ रसिया निंबू लिया दई वे, डाडी उठी कलेजे पीड़।
राजस्थान के मांगणियार भी पारम्परिक लोक गीत में निम्बुड़ा लाने की मांग उठाते रहे हैं -
निम्बुड़ा निम्बुड़ा निम्बुड़ा, छोटा-छोटा काचा-काचा निम्बुड़ा लाइ दो।
लाइ दो लाइ दो लाइ दो, म्हारी बड़ी नणद रा बीरा निम्बु लाइ दो।
बाद में संजय लीला भंसाली की फ़िल्म 'हम दिल दे चुके सनम' में ऐश्वर्या राय ने गुजरात से भी यही मांग उठायी -
निम्बुड़ा निम्बुड़ा, काचा-काचा छोटा-छोटा निम्बुड़ा लाइ दो
जा खेत से हरियाला निम्बुड़ा लाइ दो।
हमारे उत्तर प्रदेश में, मायके से ससुराल जा रही बेटी के मन में जब अपने परिचित परिवेश को, अपने माँ-बाप को, अपनी बचपन की सहेलियों को छोड़कर जाने की टीस उठती है तो वह ले जाने वालों से अनुरोध करती है - ज़रा दो घड़ी इस पेड़ के नीचे डोला रोक लो। मैं एक बार आँख भरकर अपना गाँव-घर तो देख लूँ। अभी कल तक तो मैं गुड़िया खेल रही थी, आज इतनी बड़ी हो गयी कि तुम मुझे घर से, अपनी गुड़ियों से दूर लिये जा रहे हो।
निम्बुआ तले डोला रख दे मुसाफ़िर आयी सावन की बहार रे।
नींबू की क़दर सिर्फ हमारे देश में हो, ऐसा नहीं है। पाकिस्तान की फिल्म 'तीस मार ख़ान' में नज़ीर बेगम ने नींबू के बारे में जो गीत गाया था वह भी बड़ा मक़बूल हुआ था -
निम्बुआ दा जोड़ा अस्सां बागे विच्चों तोड़ियां, निम्बुआ दा जोड़ा।
उधर, अमेरिकी सिंगर-गिटारिस्ट ट्रिनी लोपेज़ का गाना लेमन ट्री भी बहुत पसंद किया गया था। ट्रिनी ने नींबू के पेड़ से जीवन का सबक़ सीखा है। उनका मानना है कि नींबू का पेड़ बड़ा सुन्दर लगता है, उसके फूल बहुत सुन्दर होते हैं लेकिन उसका फल खाया नहीं जा सकता। उससे पेट भरने की आस करना बेकार है।
अपने पाठकों की सुविधा के लिये मैं इस गीत का लिखित संस्करण पोस्ट कर रही हूँ ताकि आप संगीत के साथ-साथ गीत का भी आनंद ले सकें।
Shahnaz Imrani : Bahut khoob
ReplyDeleteKuldeep Pushpakar : अद्भुत
ReplyDeletePramod Kumar Pandey : Nice
ReplyDeleteAvnish Pandey : अद्भुत गीत है. अरसे बाद इसका ज़िक्र सुना.
ReplyDeleteDanish Iqbal : Khatte Gaane kahiye!
ReplyDeleteMe : नहीं दानिश भाई, नींबू के बारे में हैं, मगर मीठे हैं।