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Monday, January 30, 2012

काशीनाथ सिंह के बारे में शेषनारायण सिंह से शुभ्रा शर्मा की बातचीत


जैसा कि आप सभी जानते हैं कि 'काशी का अस्‍सी' के लिए लेखक काशीनाथ सिंह को साहित्‍य अकादमी पुरस्‍कार दिये जाने की img040घोषण की गयी है। शुभ्रा जी ने इस मौक़े पर दिल्‍ली के एफ.एम. गोल्‍ड के लिए काशी जी के पुराने मित्र शेष नारायण सिंह से उनके व्‍यक्तित्‍व के कुछ अंतरंग पहलुओं पर बातचीत की।

ये बातचीत एक जनवरी को काशीनाथ सिंह के जन्‍मदिन पर प्रसारित की गयी थी।

रेडियोनामा के पाठकों के लिए इसे यहां प्रस्‍तुत किया जा रहा है। 
पूरी बातचीत तकरीबन दस मिनिट की है।


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5 comments:

neha said...

bahut hi acchha laga sunkar..dhanywaad...wasie kaashi ka assi pustak to ghar par bas aayi hi hai..par film ka bhi besabri se intzaar rahega..sahitya akadami puraskaar milne ke liye kaashinaath ji ko badhai

Anonymous said...

Comment Via Fackbook
Archana Pant says:
इतनी रोचक बातचीत के लिए जितने हम शेष नारायण सिंह जी के आभारी हैं...उससे कहीं अधिक शुभ्रा शर्मा जी के !
सही प्रश्न करना और अन्तरंग से अन्तरंग प्रायः धूमिल स्मृतियों को प्नुर्जीवित करवा पाना भो एक विलक्षण प्रतिभा ही है !
ठीक वैसे ही जैसे कोई गोताखोर...समुद्र की अतल गहराई से विरल संपदा ढूंढ लाये .....
'काशी का अस्सी' पढी तो नहीं थी ....पर अब पढ़े बिना भी नहीं रहा जाएगा !
रेडियोनामा को विशेष बधाई ....और आभार !

Sarita Tripathi said...

सार्थक और रोचक बातचीत ..............! काशी का अस्सी पढ्ना एक अनुभव है अब फ़िल्म का इन्तज़ार है
काशीनाथ जी को साहित्य अकादमी रेहन पर रग्घू के लिये मिला है

नीरज गोस्वामी said...

काशी का अस्सी एक विलक्षण किताब है...ऐसी किताब जिसका सानी हिंदी साहित्य में दूसरा नहीं...इस बेजोड़ किताब के लेखक को पुरुस्कृत नहीं करेंगे तो फिर किसे करेंगे? काशी जी इसके सही हकदार हैं...ये पुरूस्कार का सम्मान है...

नीरज

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...


सौ. शुभ्रा जी ने काफी समय दिया ताकि,
शेष नारायण जी अपनी यादों को स विस्तार सुना सके
He has spoken very well -
काशी का अस्स्सी - पढी नहीं अब पढ़ना चाहूंगी ...
रेडियोनामा , शुभ्रा जी तथा इस पोस्ट से जुड़े
सभी का स स्नेह अभिवादन ...
स स्नेह,
- लावण्या
rom : Tempe Arizona
U.S. A.

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