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Friday, August 26, 2011

छत्‍तीसगढ़ में रेडि‍यो श्रोता दि‍वस परंपरा....आवाज़ और फरमाइशकर्ताओं का मि‍लन समारोह

रेडियो के गुज़रे ज़माने के साथ जो लोग जुड़े हुए हैं, उनको आज भी कोई नया साधन उस रूप में नहीं लुभा पाता है जैसा रेडियो। आज भी पुराने श्रोताओं को सीलोन या विविध भारती पर बजने वाले पुराने हर कार्यक्रम जुबानी याद हैं और ये श्रोता ही हैं जिनके पत्र और फोन प्रस्तुतकर्ताओं की ऊर्जा बनते हैं। हर कार्यक्रम को इस तरह तन्मय होकर सुनते हैं आज भी हमारे श्रोता बंधु कि एक गलती पर ड्यूटी रूम की घंटियां घनघना उठती हैं और एक अच्छे कार्यक्रम की प्रस्तुति पत्रों से सराबोर कर देती है पूरे उस केन्द्र को। ऐसा प्रतीत होता है कि पोस्ट ऑफिस का कारोबार तो अब इन श्रोताओं की बदौलत ही चल रहा है।

छत्तीसगढ़ में 5 आकाशवाणी केन्द्र और 4 प्राइवेट एफ.एम.बैण्ड स्टेशन हैं। नए एफ.एम. केन्द्रों में 3 रायपुर और एक
बिलासपुर का केन्द्र है जिसको सुनने वाला युवा वर्ग एक सीमित श्रोता वर्ग है। लेकिन रायपुर, जगदलपुर, अंबिकापु
र मीडियम वेव और बिलासपुर व रायगढ़ प्रसारभारती के एफ.एम. केन्द्र के श्रोता पूरे छत्तीसगढ़ में अपनी आवाज पहुचाते हैं। यहाँ के अनेक रेडियो श्रोता संघ मिलकर या अलग अलग स्मारिकाएँ भी छपवाते है, श्रोता दिवस भी मनाते हैं और केन्द्रों में पहुंचकर अपने उद्घोषकों से मिलकर अपने उद्गार भी व्यक्त करते हैं।


20 अगस्त की तारीख पिछले 4 सालों से श्रोताओं
द्वारा श्रोता दिवस के रूप में मनाई जा रही है। संरक्षक अशोक बजाज जी राजनीति से जुड़े हुए हैं और उनके नेतृत्व में 3 बार ये आयोजन रायपुर में ही संपन्न हुए हैं, पिछले वर्ष सीलोन के पुराने उद्घोषकों का एक बड़ा समूह इन लोगों ने यहां बुलवाया था जिसमें विजयलक्ष्मी जी, मनोहर महाजन जी, रिपुसूदन जी और फिल्म गीतकोश के हरमिन्दर सिंह जी आदि थे।
भाटापारा के श्रोताओं ने हमेशा से अपने शहर का नाम देश के हर बड़े रेडियो स्टेशन तक पहुंचाया है। झुमरीतलैया के किसी बाद किसी गांव का नाम याद आता है तो वो है भटापारा। छत्तीसगढ़ के दो बड़े शहरो राजधानी रायपुर और न्यायधानी बिलासपुर के बीच स्थित है भाटापारा। यहां के श्रोता दोनों ही केन्द्रों को बहुत मन लगाकर सुनते हैं और पत्रों की बौछार भी दिल खोलकर करते हैं। प्रसिद्ध श्रोता बचकामल का नाम जुड़ा है भाटापारा के साथ बल्कि ये भी कहा जा सकता है कि बचकामल जी के नाम से जाना जाता है भटापारा और इसीलिये उनके सम्मान में इस साल का श्रोता दिवस भाटापारा में मनाया गया।

भाटापारा में 20 अगस्त 2011 को श्रोता दिवस के अवसर पर आयोजित रेडियो श्रोता सम्मेलन में अपार भीड़ उमड़ी प्रदेश के कोने कोने से रेडियो श्रोताओं ने इस सम्मलेन में भाग लिया, बड़ी संख्या में सभी केन्द्रों के एनाउंसर व कुछ कार्यक्रम
अधिशासी भी उपस्थित हुए। इस अवसर पर वरिष्ठ रेडियो श्रोता बचकामल का विशेष रूप से सम्मान किया गया, इसके आलावा प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी गायक शेख हुसैन तथा गायिका रीना वैष्णव भी सम्मानित हुए। श्रोताओं और प्रस्तुकर्ताओं का रिश्ता आवाज़ और पत्रों का रिश्ता होता है लेकिन इस प्रकार आमने सामने मिलकर दोनों एक दूसरे की भावनाओं से किस तरह जुड़ जाते हैं ये केवल ऐसे आयोजनों में ही देखने को मिलता है। नई पीढ़ी के युवाओं में रेडियो को लोकप्रिय बनाने की दिशा में इस प्रकार के सम्मेलन अत्यंत ही उपयोगी सिद्ध हों






आलेख - संज्ञा टंडन,
बि‍लासपुर, 9827150507
संज्ञा का ब्लॉग : सीजी स्वर/CG Swar
रायपुर आकाशवाणी की पहली भुगतान पेय कलाकार, रेडि‍यो नाटक कलाकार, रायपुर में युववाणी कंपीयर और 1991 से बि‍लासपुर में आकस्‍ि‍मक उदद्यघोषक। अपने संस्‍थान लि‍बरा मीडि‍या के माध्‍यम से रेडि‍यो के लि‍ये प्रायोजि‍त कार्यक्रमों के र्नि‍माण मे सक्रि‍य। छ.ग. के वि‍भि‍न्‍न केन्‍द्रों से प्रसारण होता रहता है।

फोटो: ग्राम चौपाल से साभार
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रेडियो से संस्कृति में विकृति नहीं आती --- अशोक बजाज

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