आज लताजी के जन्मदिन पर उनका गाया फिल्म कोरा कागज़ का एक गीत याद आ रहा हैं जिसे जया भादुड़ी (बच्चन) और नाजनीन (महाभारत धारावाहिक की कुंती फेम) पर फिल्माया गया हैं। यह गीत पहले रेडियो के सभी केन्द्रों से बहुत सुनवाया जाता था पर अब लम्बे समय से सुना नहीं। इसके कुछ बोल मुझे याद रहे हैं -
मेरा पढ़ने में नही लागे दिल क्यों
दिल पे क्या पढ़ा गई मुश्किल
अरे रात भी सूनी-सूनी लागे
दिन भी सूना-सूना लागे
कोई ये तो बता दे
मुझे वो तो नही हो गया
बैठे-बैठे मन मुस्काए
मैं न जानूं वो क्यों याद आए
किससे बाते करती हूँ मैं
चुपके-चुपके हंसती हूँ
कोई ये तो बता दे
मुझे वो तो नही हो गया
दिल में क्या हैं लिख नही पाऊं
ख़त लिखूं तो उसे कैसे पहुँचाऊँ
पास भी उसके जा न सकूं मैं
दूर भी उससे रह न सकूं
कोई ये तो बता दे
मुझे वो तो नही हो गया
पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…
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Tuesday, September 28, 2010
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2 comments:
nice
बहुत सुन्दर गीत लता जी को शुभकामनायें
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आपकी टिप्पणी के लिये धन्यवाद।