जब हम बात करते है टूटे दिल के गीत की तो सहज ही एक गायक का नाम दिमाग़ में आता है - मुकेश
आज हम याद दिला रहे है विश्वास फ़िल्म का गीत। यह फ़िल्म सत्तर के दशक के शुरूवाती साल या साठ के दशक के अंत में रिलीज़ हुई थी। बहुतों को तो शायद इस फ़िल्म के बारे में पता भी नहीं होगा।
बहुत असफल रही थी यह फ़िल्म और बहुत ही कम समय के लिए चली थी। कुछ शहरों में तो शायद रिलीज़ भी नहीं हुई थी। लेकिन यह गीत रेडियो से बहुत सुनवाया जाता था। चाहे विविध भारती हो या रेडियो सिलोन या उर्दू सर्विस या क्षेत्रीय केन्द्र। फ़रमाइशी और ग़ैर फ़रमाइशी दोनों ही तरह के कार्यक्रमों में यह गीत बजता पर फ़रमाइशी कार्यक्रम में तो बहुत ज्यादा फ़रमाइश आती थी इस गीत की फिर धीरे-धीरे बजना कम हुआ और अब तो बरसों हो गए यह गीत सुने।
इस गीत का भाव लगभग वही है जो फ़िल्म एक बार मुस्कुरा दो के लिए किशोर कुमार और आशा भोंसलें के गाए गीत - तू औरों की क्यों हो गई - में है। अंतर इतना है कि किशोर कुमार के गीत में गुस्सा है क्षोभ है और मुकेश के इस गीत में दर्द है।
यह भी युगल गीत है। मुकेश के साथ सुमन कल्याणपुर ने गाया है। सुमन कल्याणपुर ने केवल अंतिम अंतरा ही गाया है जो मुझे याद नहीं आ रहा। गीत के बोल है -
चाँदी की दीवार न तोड़ी प्यार भरा दिल तोड़ दिया
एक धनवान की बेटी ने निर्धन का दामन छोड़ दिया
चाँदी की दीवार न तोड़ी प्यार भरा दिल तोड़ दिया
लोग क्या समझे प्यार को जग में सब कुछ चाँदी सोना है
धनवानों की इस दुनिया में दिल तो एक खिलोना है
सदियों से दिल टूटता आया दिल का बस ये रोना है
जब तक चाहा दिल से खेला और जब चाहा छोड़ (तोड़) दिया
एक धनवान की बेटी ने निर्धन का दामन छोड़ दिया
चाँदी की दीवार न तोड़ी प्यार भरा दिल तोड़ दिया
पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…
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Tuesday, February 24, 2009
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2 comments:
सचमुच बहुत सुंदर गीत है यह...
apne ek bhule huae dard bhare geet ki yaad dila di .vaise aaj ki generation ko ye kahan pasand , unhen to himesh reshamiya acha lagta hai
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