सबसे नए तीन पन्ने :

Saturday, February 28, 2009

केन्द्रीय विविध भारती सेवा और फ़िल्मी साझ संगीत

श्री मोदी साहब और निम्मीजी,

नमस्कार । ता. 23-02-09 के पत्रावली कार्यक्रममें मेरे सुचन के सिर्फ़ शुरूआती अंश को पढ़ा गया । पर मैने 15 मिनिट के स्थान पर अगर न हो पाये तो सिर्फ 5 मिनिट के रोज़ाना या 30 मिनिट के हप्तावार फिल्मी धूनों के कार्यक्रम के लिये वैकल्पीक सुचन किये ही थे, जो आप के बार बार गीनी चुनी धूनों के रिपीटेशन ख़तरे को कम करेगा । वैसे भी आप के पास वो पूरानी धूनों का हकीकतमें इतना ज़बरजस्त संग्रह है कि अगर 15 मिनिट के दैनिक कार्यक्रममें भी अगर आप एक ओर से शुरू करे तो शायद ही कोई धून एक सालमें भी पुन: बजा पाये । और हम जैसे श्रोता लोग वैसी पूराने गानो की पूरानी धूनों को सुनने तरस रहे है । और वही बात उस पत्रावलि को सुन कर राजकोट के भूपेन्द्र सोनी जी ने मूझे फोन करके बताई थी । उदाहरण के तोर पर श्री एनोक डेनियेल्स की बजाई फिल्म मिलन के गीत हम तूम युग युग से ये गीत मिलन के वाले गीत की धून को प्रस्तूत हुए 35 साल हुए । हाँ शम्मी रूबीन की एलेक्ट्रीक ओरगन (ट्रीब्यूट टू मूकेश) पर और चरणजीत सिंह की ट्रांसीकोर्ड पर (वन मेन शॉ) समय समय पर प्रस्तूत होती है । इस तरह के असंख्य उदाहरण है ।

अन्य सुचन फ़िर कभी ।

पियुष महेता ।

नानपूरा, सुरत ।

PIYUSH MEHTA-NANPURA-SURAT

3 comments:

annapurna said...

आजकल कार्यक्रमों के अंतराल में फ़िल्मों की अच्छी धुनें बज रही जिन्हें सुनकर पूरी धुन सुनने का मन करता है। मैं पीयूष जी से सहमत हूँ।

sunil kumar ahirwar said...

Iwjs fofo/k Hkkjrh ifjokj dks nhokyh dh c/kkbz;ka A


Lquhy dqekj vfgjokj es Hkksiky es jgrk gw esjk dkyst y{eh ukjk;u
dkyst vkIk Vsduksyksth Hkksiky gS dHkh dHkh eq>s yxrk gS fd ;s
tgku dqzN Hkh ugh gS lc dpjk gS

sunil kumar ahirwar said...

Iwjs fofo/k Hkkjrh ifjokj dks nhokyh dh c/kkbz;ka A


Lquhy dqekj vfgjokj es Hkksiky es jgrk gw esjk dkyst y{eh ukjk;u
dkyst vkIk Vsduksyksth Hkksiky gS dHkh dHkh eq>s yxrk gS fd ;s
tgku dqzN Hkh ugh gS lc dpjk gS

Post a Comment

आपकी टिप्पणी के लिये धन्यवाद।

अपनी राय दें