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Tuesday, April 14, 2009

अन्नदाता की चंपावती

आज याद आ रहा है सत्तर के दशक की फ़िल्म अन्नदाता का एक गीत। यह बहुत अच्छी फ़िल्म है। इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका में है ओमप्रकाश। नायक और नायिका है - जया भादुड़ी (बच्चन) और अनिल धवन। उस समय यह जोड़ी बहुत लोकप्रिय थी।

इस फ़िल्म का यह गीत सुने बहुत समय बीत गया। इस गीत को गाया है किशोर कुमार और उनके साथियों ने यानि कोरस भी है। बड़े ही मज़ेदार अंदाज़ में गाया है किशोर कुमार ने यह गीत, साथ में शायद आशा भोंसले की भी आवाज़ है। कुछ-कुछ याद आ रहे बोल इस तरह है -

सुनो हो तो कहीं दिल ये लगे न मेरा
ओ मेरी प्राण सजनी चंपावती आ जा
हाय लेके दिल यूँ मेरा दूर मुझसे ना जा
ऐसी मस्ती छाई है इस दिल की गहराई में
लेकिन मेरे ही मन में मत पूछो तन्हाई है
चंपावती तू आ जा चंपावती तू आ जा
चंपावती तू आ जा चंपावती तू आ जा

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तू ही तू मेरे मन में --- यूँ लहराई है
मुझसे रूठ के यूँ न जा
चंपावती तू आ जा चंपावती तू आ जा
चंपावती तू आ जा चंपावती तू आ जा

पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…

5 comments:

PIYUSH MEHTA-SURAT said...

श्री अन्नपूर्णाजी,
आज जो गाना आपने याद किया है, उसमें महिला पार्श्व-गायिका श्रीमती सबीता चौधरी है जो किसी जमानेमें सबीता बेनरजी थी । इस गानेमें नृत्यकार गोपी किशनजीने किशोरदा की आवाझ पर अपने होष्ठ हिलायें थे ।
पियुष महेता ।
सुरत-395001.

मीनाक्षी said...

अन्नपूर्णाजी, संगीत के बिना तो जीवन अधूरा सा है... असल में वक्त ही साथ नही दे रहा नही तो हम बिना पढ़े और लिखे जा ही नही सकते..

Vijay Krishnan said...

Pyaare Annapoornaji, yeh gaana tho mera sabse chahita gaana hain. Aur phir Om Prakashji ke baare mein kya kehna, yeh film poora hi Lajawab hain. Upar se yeh gaana jisme Anil Dhawan aur Jaya Bahaduri, saath mein jaise Mehta saaheb ne kaha Gopi Kishenji aur unke saathi maane doodh mein malai. Ek aur gaana isee picture se, "Guzar jaaye din" woh bhi bahut hee romanchak gaana hain. Shukriya yaad dilaane ke liye is sunhere geet ko.

Vijay Krishnan said...

maaf kar dena baheeyon aur bahenon agar mera hindi mein likhayee nahin deta kyunki mein naya is site par.

annapurna said...

विजय जी धन्यवाद टिप्पणी के लिए। किशोर कुमार कि जिस गीत - गुज़र जाए दिन की आपने चर्चा की, वह गीत और लता जी का गाया गीत - निसदिन निसदिन मेरा ज़ुल्मी बलम - कभी-कभार विविध भारती से सुनवाया जाता है पर यह चंपावती गीत नहीं सुने लम्बा समय बीत गया।

पीयूष जी, मीनाक्षी जी धन्यवाद !

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