आज सत्तर के दशक का एक ऐसा गीत याद आ रहा है जो संवादों से भरा है। शायद राजा रानी फ़िल्म का गीत है जिसे राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर पर फ़िल्माया गया। यह युगल गीत शायद मुकेश और आशा भोंसलें की आवाज़ों में है। जो बोल याद आ रहे है वो इस तरह है -
आसमाँ पे चाँदनी का एक दरिया बह रहा था
हाँ तो मैं क्या कह रहा था
हाँ तो मैं क्या कह रहा था
कह रहे थे तुम कहानी जब से आई है जवानी
हाँ मुझे अब याद आया जब से मैनें दिल लगाया
आज कौन सी तारीख़ है
आज पच्चीस
कह रहे थे तुम हसीना
इश्क में मुश्किल है जीना
हाँ --
जब से ये अरमान जागे
------------
आज कौन सा दिन है
आज सोमवार
-----------------------------
यह कौन सा महीना है
मई
ॠत सुहानी कह रही है
यह पुलिस, पुलिस किसे ढूँढ रही है
अरे बाबा तुम्हें नहीं किसी चोर को ढूँढ रही है
मैं तो धोखा खा रहा था
हाँ तो मैं क्या कह रहा था
पहले रेडियो से फ़रमाइशी और ग़ैर फ़रमाइशी कार्यक्रमों में बहुत सुनवाया जाता था। अब बहुत समय से नहीं सुना।
पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…
सबसे नए तीन पन्ने :
Tuesday, December 1, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 comments:
http://www.youtube.com/watch?v=JZg40TXCGsI
बड़े ही मजेदार गीत की याद दिला दी आपने ....
बहरहाल इस गीत के सही सही और पूरे बोल ना लिखते हुए कुछ मजेदार बात आपसे सांझा करना चाहूँगा.....जैसा कि आपने इसके बोल लिखते हुए फ़रमाया कि यह एक संवादों से भरा गीत है ....सही है , और इसी से जुडी हुई है यह बात कि इसमें जहाँ जहाँ दिन तारिख और महीने का ज़िक्र है वह दरअसल फिल्म "राजा रानी" के रिलीज़ का दिन तारीख और महीना है ...यानी यह फिल्म छब्बीस जनवरी शुक्रवार सन 1973 को आल इंडिया रिलीज़ हुई थी ! ( आपने भूल वश इसे 25 मई सोमवार कर दिया है ) ! अपने समय की , जे . ओम . प्रकाश की शायद यह इकलौती फिल्म थी जो फ्लॉप हुई थी ....और अगर उनकी बात माने तो यह इसलिए हुआ था क्यूँकी इस फिल्म का नाम " ए " से शुरू ना होकर " आर " से शुरू हुआ था( याद रहे उनकी हर फिल्म के नाम का पहला अक्षर "ए " ही होता है )! हालांकी उन्होंने इस फिल्म का नाम सुझाने का एक कंटेस्ट भी शुरू किया था जिसमे लोगों से कोई ऐसा शीर्षक माँगा गया था जो " ए " से शुरू होता हो...लेकिन दुर्भाग्यवश उन्हें किसी का भी भेजा हुआ नाम पसंद नहीं आया ...और मजबूरन , रिलीज़ की तारीख पहले से तय होने की वजह से इस फिल्म को राजा रानी शीर्षक से ही रिलीज़ करनी पडी ....और फिल्म उनके बैनर की सबसे बड़ी फ्लॉप साबित हुई !
बहरहाल इस फिल्म के गीत मधुर थे ...खासकर " जब अँधेरा होता है ..." बहुत रंगीन था और चला भी खूब था !
Post a Comment
आपकी टिप्पणी के लिये धन्यवाद।