आज याद आ रहा हैं साठ के दशक के अंतिम वर्षो की एक फिल्म का गीत, फिल्म का नाम हैं - वतन से दूर
यह बहुत फ्लाप फिल्म हैं, बहुत से शहरों में एक-दो सप्ताह भी नही चली पर यह गीत बहुत लोकप्रिय हुआ था। रेडियो के लगभग सभी केन्द्रों से बहुत सुनवाया जाता था। अब बहुत समय से नही सुना हैं।
इस गीत में बार-बार एक शब्द आता हैं - मा
यह शब्द हैदराबाद में बोलचाल में बहुत बोला जाता है, कुछ इस तरह से -
कैसी हो मा
क्या कर रही हो मा
जाना हैं मा
वैसे यह अर्थहीन शब्द हैं। मुझे इस गीत का केवल मुखड़ा याद हैं जो इस तरह हैं -
कैसा जादू डाला मा बनारसी रूमाल वाला
चारमीनार के लोग मुझे, चारमीनार के
चारमीनार के लोग मुझे कहते मधुबाला मा बनारसी रूमाल वाला
कैसा जादू डाला मा बनारसी रूमाल वाला
पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…
सबसे नए तीन पन्ने :
Tuesday, March 30, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment
आपकी टिप्पणी के लिये धन्यवाद।