साठ के दशक के अंतिम वर्षो की फिल्म हैं - दो कलियाँ जिसके नायक नायिका विश्वजीत और माला सिन्हा हैं। यह फिल्म बाल कलाकार के रूप में नीतू सिंह की पहली फिल्म हैं जिसमे उनकी दुहरी भूमिका हैं माला सिन्हा और विश्वजीत की बेटियों के रूप में।
यह फिल्म तेलुगु में भी बनी हैं जो नीतू सिंह की तरह श्रीदेवी की पहली फिल्म हैं।
इस फिल्म का नीतू सिंह पर फिल्माया गया बच्चो का गीत अक्सर सुनवाया जाता हैं पर यह युगल गीत नही सुने बहुत दिन हो गए। इसे महेंद्र कपूर और लताजी ने गाया हैं। इसके कुछ बोल मुझे याद आ रहे हैं -
तुम्हारी नजर क्यों खफा हो गई खता बक्श दो गर खता हो गई
हमारा इरादा तो कुछ भी न था तुम्हारी खता खुद सजा हो गई
सजा ही सही आज कुछ तो मिला हैं सजा में भी एक प्यार का सिलसिला हैं
मोहब्बत का अब कुछ भी अंजाम हो मुलाक़ात की इफतेदा हो गई
पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…
2 comments:
यह गीत तो मुझे भी बहुत पसंद है। पर यह महेन्द्र कपूर नहीं,रफी साहब और लता जी की आवाज में है।
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