सत्तर के दशक की फिल्म हैं - उस पार
फिल्म अच्छी हैं लेकिन फ्लाप रही। इसके गीत बहुत लोकप्रिय हुए थे और रेडियो से भी बहुत सुनवाए जाते थे पर अब बहुत दिन से यह गीत नही सुना।
मौसमी चटर्जी और विनोद मेहरा पर फिल्माया गया यह गीत लताजी ने या आशा जी ने गाया हैं। मुझे सिर्फ मुखड़ा याद आ रहा हैं -
ये जब से हुई जिया की चोरी
पतंग सा उड़े ये मन मेरा तेरे हाथो में डोरी
पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…
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