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Tuesday, February 10, 2009

भाभी की उंगली में हीरे का छल्ला

शादी-ब्याह का भाभी के लिए गाया जाने वाला यह गीत चन्द्राणी मुखर्जी ने आरती मुखर्जी के साथ राजश्री प्रोडक्शनस की फ़िल्म तपस्या के लिए गाया है जिसे आभा धुलिया और गायत्री पर फ़िल्माया गया है और भय्या भाभी है असरानी और मंजू असरानी -

भाभी की उंगली में हीरे का छल्ला
हीरे का छल्ला ओए ओए हीरे का छल्ला

देखो देखो भय्या ने बाँधा है पल्ले से पल्ला
बाँधा है पल्ला ओए ओए बाँधा है पल्ला

कैसी सुन्दर यह जोड़ी मिलाई
के भैय्या मक्खन है भाभी मलाई
भैय्या मक्खन है भाभी मलाई दुहाई
भाभी की उंगली में हीरे का छल्ला
हीरे का छल्ला ओए ओए हीरे का छल्ला

तँग न करो चलो जी पाँव पड़ो
भाभी मुश्किल से घर में है आई
पहना बहुत दिन बेलबाटम
आज साड़ी पहन शरमाई
इस मूहर्त पे बाँटो मिठाई
के भैय्या मक्खन है भाभी मलाई
भैय्या मक्खन है भाभी मलाई दुहाई
भाभी की उंगली में हीरे का छल्ला
हीरे का छल्ला ओए ओए हीरे का छल्ला

… … …
ज़रा हम चन्दा सा मुखड़ा चूम ले
पहली खुशी है इस घर की
आओ मिल के गले हम झूम ले
कभी हो ना पराई पराई
के भैय्या मक्खन है भाभी मलाई
भैय्या मक्खन है भाभी मलाई दुहाई
भाभी की उंगली में हीरे का छल्ला
हीरे का छल्ला ओए ओए हीरे का छल्ला

१९७५ के आस-पास रिलीज़ इस फ़िल्म का यह गीत विविध भारती समेत विभिन्न रेडियो स्टेशनों से फ़रमाइशी और ग़ैर फ़रमाइशी दोनों ही तरह के कार्यक्रमों में अक्सर सुनवाया जाता था पर कुछ सालों से बिल्कुल ही नहीं सुनवाया गया।

पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…

4 comments:

mamta said...

annapurna जी आप भी खूब चुन-चुन कर गीत का जिक्र करती है ।वैसे अगर आप ख़ुद सुनना चाहे तो esnip.com नाम की साईट पर जाकर सुन सकती है ।

Toonfactory said...

Ek aur geet bhi tha naa??? Gori Ke Haath Mein...

Vinay said...

बहुत पसंद आया

---
गुलाबी कोंपलें
चाँद, बादल और शाम

annapurna said...

ममता जी शुक्रिया ! यहाँ मैं ऐसे गीतों को याद दिला रही हूँ जो बहुत समय से रेडियो से नहीं सुने गए या कहे कि मैं फ़रमाइश कर रही हूँ और जब आप लोग टिप्पणी करते है तो आपकी फ़रमाइश भी शामिल हो जाती है।

गोरी के हाथ में गीत शायद सत्तर के दशक की फ़िल्म मेला का है जिसे संजय और मुमताज़ पर फ़िल्माया गया और रफ़ी साहब और लता जी ने गाया -

गोरी के हाथ में कैसे ये छल्ला (रफ़ी)
ऐसी हो किस्मत मेरी भी अल्ला

छूने न दूँगी उंगली में बाबू (लता)
बन जाओ चाहे चांदी का छल्ला

विनय जी पसन्द फ़रमाने का शुक्रिया !

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