सवेरे के त्रिवेणी कार्यक्रम के बाद क्षेत्रीय प्रसारण तेलुगु भाषा में शुरू हो जाता है फिर हम दोपहर 12 बजे ही केन्द्रीय सेवा से जुडते है।
दोपहर 12 बजे का समय होता है इंसटेन्ट फ़रमाइशी गीतों के कार्यक्रम एस एम एस के बहाने वी बी एस के तराने का। हमेशा की तरह शुरूवात में 10 फ़िल्मों के नाम बता दिए गए फिर बताया गया एस एम एस करने का तरीका और इन संदेशों को 12:50 तक भेजने के लिए कहा गया ताकि शामिल किया जा सकें। पहला गीत उदघोषक की खुद की पसन्द का सुनवाया गया ताकि तब तक संदेश आ सके। फिर शुरू हुआ संदेशों का सिलसिला। शुक्रवार को युनूस (खान) जी ने एक प्रयोग किया, प्रस्तुति में हल्का सा परिवर्तन किया। शुरू में फिल्मो के नाम दो बार धीरे-धीरे बताए गए जिससे श्रोताओं के संदेश प्राप्त हो गए और पहला गीत भी श्रोताओं की ही पसंद का रहा। अच्छा है यह प्रयत्न। इस दिन रही सत्तर अस्सी के दशक की लोकप्रिय फिल्मे - आराधना, रोटी, मुकद्दर का सिकंदर, कसौटी, खामोशी, अमर प्रेम, कटी पतंग फिल्मो के रोमांटिक गीत और कुछ अलग भाव के गीतों के लिए भी श्रोताओं ने संदेश भेजे फ़िल्म आनंद, धरम करम और नमक हराम का यह गीत -
दिए जलते है फूल खिलते है
बड़ी मुश्किल से मगर दुनिया में दोस्त मिलते है
शनिवार को शेफाली (कपूर) जी साठ सत्तर के दशक की बेहतरीन फिल्मे लेकर आई। हमराज, दिल ने फिर याद किया, हमजोली, वक़्त, झुक गया आसमान, दाग, काजल फिल्मो के रोमांटिक गीतों और आया सावन झूम के फ़िल्म के शीर्षक गीत और जीने की राह फ़िल्म के आँख मिचौली वाले गीत संदेशो के अनुसार सुनवाए गए। रविवार को क्षेत्रीय प्रायोजित कार्यक्रम के कारण हम बहुत देर से जुड़े। मंजू (द्विवेदी) जी द्वारा सुनवाए गए अंतिम दौर में नए गीत सुने। सोमवार को राजेन्द्र (त्रिपाठी) जी ले आए जोधा अकबर, लगान जैसी नई फिल्मे। मंगलवार को नई फिल्मे - हसीना मान जाएगी, जानम समझा करो, धड़कन, सरफरोश, हैलो ब्रदर, बिच्छू, अस्तित्व ले कर आए कमल (शर्मा) जी जिनके लोकप्रिय गीत श्रोताओं के सन्देश पर सुनवाए गए। बुधवार को मनीषा (भटनागर) जी ले आई नई फिल्मे - मन, मस्त, कच्चे धागे, प्यार तो होना ही था। इस दिन 12:30 से पहले लगभग 10 मिनट के लिए क्षेत्रीय प्रायोजित कार्यक्रम प्रसारित हुआ फिर हम केन्द्रीय सेवा से जुड़े। आज नई फिल्मे लेकर आई मनीषा (भटनागर) जी। फिल्मे रही - जब प्यार किसी से होता है , परिंदा, सपने, बंधन, गुलाम, विरासत, करीब, बड़े मियाँ छोटे मियाँ, परदेसी बाबु, तमन्ना।
आधा कार्यक्रम समाप्त होने के बाद फिर से बची हुई फ़िल्मों के नाम बताए गए और फिर से बताया गया एस एम एस करने का तरीका। एक घण्टे के इस कार्यक्रम के अंत में अगले दिन की 10 फ़िल्मों के नाम बताए गए। इस सप्ताह भी नई फिल्मे अधिक रही। संदेशों की संख्या अधिक रही। देश के विभिन्न भागो से जैसे कश्मीर से दक्षिण भारत से संदेश आए। सप्ताह भर इस कार्यक्रम को प्रस्तुत किया विजय दीपक छिब्बर जी ने।
1:00 बजे कार्यक्रम सुनवाया गया - हिट सुपर हिट। यह कार्यक्रम हर दिन एक कलाकार पर केन्द्रित होता है, उस कलाकार के हिट सुपरहिट गीत सुनवाए जाते है। शुक्रवार को यह कार्यक्रम अभिनेत्री रानी मुखर्जी पर प्रस्तुत किया युनूस जी ने और सुनवाए उनके हिट गीत जैसे - आती क्या खंडाला। बंटी और बबली, कुछ कुछ होता है, हम तुम फिल्मो के गीत भी शामिल रहे। शनिवार को शेफाली जी ने अभिनेता गोविंदा पर प्रस्तुत किया यह कार्यक्रम। गोविंदा के लोकप्रिय गीत सुनवाए - किसी डिस्को में जाए, जहाँ पावों में पायल, अंखियो से गोली मारे
रविवार को वेलेंटाइन डे था। इस दिन हिट सुपर हिट रोमांटिक गीत लेकर आई मंजू जी। बाबी, लव स्टोरी, एक दूजे के लिए, क़यामत से क़यामत तक जैसी फिल्मो के गीत। सोमवार को राजेन्द्र जी ने अभिनेता रणधीर कपूर पर यह कार्यक्रम प्रस्तुत किया। उनके लोकप्रिय गीत सुनवाए कल आज और कल, रामपुर का लक्ष्मण, जवानी दीवानी, कसमे वादे, हरजाई, हाथ की सफाई फिल्मो से। धरम-करम और मामा भांजा फिल्मो के गीतों की कमी खली। मंगलवार को अभिनेत्री नीतू सिंह के लिए कमल जी ने प्रस्तुत किया। शुरूवात की बाल कलाकार के रूप में उनकी पहली फिल्म दो कलियाँ के इस गीत से -
बच्चे मन के सच्चे सारे जग की आँख के तारे
इसके बाद खेल खेल में, दूसरा आदमी, रफू चक्कर, जहरीला इंसान फिल्मो के रोमांटिक गीतों के साथ द बर्निग ट्रेन फिल्म की क़व्वाली भी सुनवाई। बुधवार को फिल्मकार गुलज़ार पर प्रस्तुत किया मनीषा जी ने। आंधी, इजाजत, मौसम, मासूम फिल्मो के गीतों के साथ सुनवाया माचिस फिल्म से चप्पा चप्पा चरखा चले। आज मनीषा जी ने अभिनेत्री तब्बू पर प्रस्तुत किया और माचिस, विरासत, अस्तित्व, हम साथ साथ है, चीनी कम फिल्मो के गीत सुनवाए। पर तब्बू का चुनाव इस कार्यक्रम के लिए ठीक नही लगा। तब्बू के फिल्मे चली तो खूब पर गाने हिट सुपरहिट नही माने जा सकते।
1:30 बजे का समय रहा मन चाहे गीत कार्यक्रम का। सप्ताह भर हर दिन नई पुरानी फिल्मो के मिलेजुले गीत सुनवाए गए। पत्रों पर आधारित फ़रमाइशी गीतों में शुक्रवार और शनिवार को रेणु (बंसल) जी ने सुनवाए अधिकतर रोमांटिक गीत - खेल खेल में, अदालत, दयावान, साथी, चोरी चोरी चुपके चुपके, टैक्सी नंबर 9211 और अलग भाव का गीत चन्दा रे चन्दा भी शामिल रहा। शनिवार को पुराने धूम धडाके दार गीतो से शुरूवात हुई - बहारो के सपने फ़िल्म से चुनरी संभाल गोरी , ज्वैल थीफ फ़िल्म से होठो में ऎसी बात जिसके अलावा कल आज और कल, करमा, धूम 2, फना और हिम्मतवाला के गीत भी शामिल रहे और समापन किया चरस फ़िल्म के गीत से। रविवार को राजुल (अशोक) जी ने सुनवाए मेरा गाँव मेरा देश, दूसरा आदमी, रोजा फिल्मो के गीत जिसमे यह नया गीत भी शामिल था -
तेरा रंग बल्ले बल्ले तेरा रूप बल्ले बल्ले
सोमवार को रेणु जी ने शुरूवात में लोकगीत पर आधारित दो फिल्मी गीत सुनवाए गए, पवित्र पापी फिल्म से पंजाबी और नदिया के पार फिल्म से उत्तर भारतीय लोकगीतों की झलक लिए गीत। समापन भी अच्छा रहा - जानी दुश्मन फिल्म के - तेरे हाथो में पहना के चूड़ियाँ गीत से। समापन और शुरूवात के लिए बढ़िया चुनाव। इसके साथ जीने की राह, पत्थर के सनम, लाखो में एक, चितचोर फिल्मो के गीत शामिल थे।
मंगलवार को राजेन्द्र (त्रिपाठी) जी ले आए आशिकी, क़यामत से क़यामत तक, गुप्त, सोलजर, दिल का क्या कसूर फिल्म का शीर्षक गीत। बुधवार को अच्छा चुनाव रहा। अशोक (सोनावने) जी ने शुरूवात की पुरानी फिल्म नौ दो ग्यारह से जिसके बाद नई फिल्म का गीत भी शामिल रहा - भूल भुलैय्या फिल्म से फिर अलग-अलग भावो के गीत सुनवाए गए - जब जब फूल खिले, आँखे फिल्म से, बैजू बावरा फिल्म का भक्ति गीत, प्यार का सागर फिल्म का गीत और सबसे अच्छा लगा मेल से प्राप्त फरमाइश पर सहगल साहब का गीत सुनवाना, बार्डर फिल्म का देशभक्ति गीत - संदेशे आते है भी सुनवाया। आज फिर रेणु जी आई और शुरूवात की मोहरा फिल्म के उदास से गीत से। अच्छा लगा कि श्रोताओं ने इस कम सुने जाने वाले गीत की फरमाइश भेजी -
काश कही ऐसा होता दो दिल होते सीने में
इस तरह कम सुने जाने वाले गीतों के साथ अक्सर इस कार्यक्रम में बजने वाले गीत सुनवाए गए जैसे कृष्णा काटेज फिल्म से।
बुधवार और गुरूवार को श्रोताओं के ई-मेल से प्राप्त संदेशों पर फ़रमाइशी गीत सुनवाए गए। इस सप्ताह भी अधिकतर गीत एक-एक मेल प्राप्त होने पर ही सुनवा दिए गए, अभी भी मेल संख्या बढी नहीं है जबकि पत्रों की स्थिति पहले जैसी ही रही।
इस कार्यक्रम में अन्य कार्यक्रमों के प्रायोजक के विज्ञापन भी प्रसारित हुए और संदेश भी प्रसारित किए गए जिसमें विविध भारती के विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में बताया गया। दूरदर्शन धारावाहिक के विज्ञापन भी शामिल रहे।
इस सप्ताह भी इस समय के प्रसारण में एक भी कार्यक्रम प्रायोजित नहीं था। जबकि हिट सुपरहिट कार्यक्रम को प्रायोजित किया जा सकता है।
इस प्रसारण को गणेश (शिंदे) जी, विनायक (रेणके) जी, बलदेव जी, निखिल (धामापुराकर) जी के तकनीकी सहयोग से हम तक पहुँचाया गया और यह कार्यक्रम श्रोताओं तक ठीक से पहुँच रहा है, यह देखने (मानीटर) करने के लिए ड्यूटी रूम में ड्यूटी अधिकारी रही मालती (माने) जी।
दोपहर में 2:30 बजे मन चाहे गीत कार्यक्रम की समाप्ति के बाद आधे घण्टे के लिए क्षेत्रीय प्रसारण होता है जिसके बाद केन्द्रीय सेवा के दोपहर बाद के प्रसारण के लिए हम 3 बजे से जुड़ते है।
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Thursday, February 18, 2010
प्यार-मोहब्बत के गानों की दुपहरियों की साप्ताहिकी 18-2-10
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