आज एक साथ दो नहीं पर तीन बल्कि चार बात करनी है ।
1. आज महान पार्श्वगायक श्री मन्ना डे यानि श्री प्रबोध चन्द्र डे साहब का जनमदिन है । तो इसके बारेमें विविध भारती और अन्य स्थानिय आकाशवाणी केन्द्रों से उनको बधाई देते हुए और उनकी जीवन-झरमर को प्रस्तूत करते हुए कई कार्यक्रम का सिलसिला जारि है, इस लिये मैं वो बातें इधर नहीं दोहराऊँगा पर मेरी कुछ निजी याद बताऊँगा । कई साल पहेले सुरतमें उनको एक मंच कार्यक्रममें सुनने का मौका मिला था । पर पिछले साल 9 मई के दिन सुरत के गाँधी स्मृती होममें वे फ़िर तसरीफ़ लाये थे और इस उम्रमें उनकी ताक़त भले थोड़ी कम हुई हो पर गाने की शास्त्रीयता पर कोई फरक नहीं आया था और लोगोने उनकी प्रस्तूती का मन भरके आनंद उठाया था । मध्यांतरमें कई लोग उनसे मिलने और उनके हस्ताक्षर पाने के लिये बंध परदे के पिछे गये, जिसमें एक मैं भी था और मेरी कोई अपना नाम बताते हुए निज़ी पहचान तो नहीं हुई और अगर होती तो शायद इतने लोगोमें से उनको याद रहने की कोई गुन्जाईश भी नहीं थी पर इतने बड़े और नामवर कलाकार को नज़दीक से देख़ने का एक आनंद था (श्री अमीन सायानी साहब के साथ भी 14 साल पहेले ऐसा ही वाक्या हुआ था और उसके कई साल बाद उनसे निज़ी परिचय और सम्बंध हुआ था ।)विविध भारती से उनसे आजके मेहमान कार्यक्रम अंतर्गत श्री कमल शर्माजी द्वारा की गई भेटवार्ता से उनका गुजराती सुगम-संगीत और ख़ास स्व. अविनाश व्यासजी प्रति उनके आदरभाव को याद रख़ते हुए मैंनें उनको नमस्कार करके पूछा था कि उनका श्री अविनास व्यासजी के संगीत निर्देषनमें गाया गीत चरा चरर मारुं चकडोळ चाले उस कार्यक्रममें प्रस्तूत करने की कोई गुन्जाईश थी या नहीं तो उन्हों ने एक मझेदार मंद हास्य बिख़ेरा और अपने ऑटोग्राफ़ मेरे कागज़ पर दिये । तो रेडियोनामा की और से उनको जनमदिन और स्वस्थ जिवनकी शुभ: कामनाएँ ।
2. 16 अप्रैल, 2010 के दिन मेरी दी हुई जानकारी के आधार पर रेडियो श्रीलंका से श्रीमती ज्योति परमारजीने जो कार्यक्रम प्रस्तूत किया था, जिसका जिक्र उस दिन की पोस्टमें किया था वह कार्यक्रम पुणे के श्रोता श्री गिरीशभाई मानकेश्वरजी के सौजन्य से इस मंच पर सुनिये । एक बात ख़ास बताना चाहता हूँ कि रेडियोनामा पर एक ही रसीक श्रोता श्री मयुर मल्हार यानि श्री मयुर बक्षी जी की ही टिपणी आयी और एक टिपणी जनदुनिया ब्लोग से औपचारिक रूपसे ही अपने ब्लोग के प्रचार के हेतु से आयी थी पर विषेष चर्चा इस विषय पर उसमें नहीं थी । पर रेडियो सिलोन के श्रोता ठाणे के श्री सुभाष कुलकर्णीजी ने कहीं से भी मेरा फोन नं प्राप्त करके मूझे सम्पर्क किया और अचरजकी बात यह थी कि उन्होंनें शुद्ध गुजरातीमें ही बात शुरू की और करते रहे और कार्यक्रम को सराहा और वे श्री अनोक डेनियेल्स को भी जनमदिन की बधाई दे चूके थे । वैसा दूसरा फोन इस ब्लोग को पढ कर राजस्थान के युवा श्रोता श्री रामस्वरूप सुथारजी का आया और इस जानकारी को सराहा था । युनूसजी और अन्नपूर्णाजी का तो पता नहीं । तो सुनिये रेडियो श्रीलंका की श्रीमती ज्योति परमार को फ़िर एक बार श्री एनोक डेनियेल्सजी के बारेमें (तीन भागोमें)।
3. आज विश्व मज़दूर दिन को भी याद करें ।
4. आज गुजरात और महाराष्ट्र के 51 सालमें प्रवेष करने पर उनके स्थापना दिनके लिये दोनों राज्य की जनता को बधाई और शुभ: कामाना ।
पियुष महेता ।
नानपुरा, सुरत ।
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Saturday, May 1, 2010
1.श्री मन्ना डे साहब-जनमदिन की बधाईयाँ ।2. श्री एनोक डेनियेल्स साहब पर रेडियो श्री लंका-हिन्दी सेवा से 16 अप्रैल, 2010 के दिन प्रस्तूत कार्यक्रम
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PIYUSH MEHTA-SURAT
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1 comment:
इतनी जानकारियों के लिए धन्यवाद पियूष जी. देर से ही सही पर आज इस ब्लॉग के माध्यम से मन्ना दा को जन्मदिन की ढेर सारी बधाई देते हुए सिर्फ इतना कहूँगा कि भगवान उन्हें लम्बी उम्र अता करें .
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