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Saturday, March 14, 2009

पियानो एकोर्डियन और पियानो वादक श्री एनोक डेनियेल्स तथा सेक्षोफोन और वेस्टर्न फ्ल्यूट वादक श्री श्याम राज कारजी के ताझा स्टेज शॉझ्

पाठक गण,
जैसे मैंनें श्री वान शिप्ले साहब की प्रथम मृत्यू तारीख़ के श्रद्धांजली पोस्टमें जिक्र किया था वे सेक्षोफोन वादक श्री श्याम राजजी से पहेली मुलाकात बिल्लीमोरा के एक स्टेज शॉ में श्री एनोक डेनियेल्स साहबने करवाई थी । और उन दोनों का संयूक्त शॉ वहाँ की कल संस्था गुंजन ललित कला निकेतन और उनके प्रमूख कर्ताहर्ता श्री नरेशभाई मिस्त्रीने प्रबंधीत किया था, जिनसे मित्रता भी श्री डेनियेल्स साहब की देन है, उसी दिन श्री एनोक डेनियेल्स साहब का और श्याम राजजी का, दोनों के विडीयो इंटर्व्यूझ करने का इरादा था और उनकी भी सहमती थी, पर हमारा शॉ के कुछ ही घंते पहेले पहोंचना, फिर रात्री भोजन करने बाहर निकलना और फिर शॉ के बाद रात्री ही सुरत की और चल पड़ना, यानि की लौट पड़्ना, इस के कारण वहाँ हो नहीं सका । पर उस शॉ की थोडी सी बात कर लूं, कि श्री डेनियेल्स साहब आज भी एकोर्डियन बजानेमें 76 साल के नौजवान है । और श्यामराज जी भी 61वे सालमें होते हुए भी अपनी मज़बूत सांस से सेक्षोफोन और वेस्टर्न फ्ल्यूट बजाते है । और वहाँ की पब्लीक का तो क्या कहना ? मैंनें कार्यक्रम शुरू होने से पहेले पिछे देख़ा था तो होल खाली लगता था । (मैं दूसरी लाईन में था ।)बादमें कार्यक्रम दौरान यकायक पिछे देख़ा तो पूरा होल भरा था, यानि शिस्तबद्ध पब्लीक था। आइटम समाप्ती पर ताल मिला कर तालियाँ और विषिष्ट आइटम्स पर वन्स मोर । दोनों कलाकारोंने सोलो और युगलबंधीमें परफोर्म किया । श्री एनोक देनियेल्स साहबने मांग के साथ तूम्हारा (फिल्म नया दौर ), बाबूजी धीरे चलना (आर पार) और हर दिल जो प्यार करेगा (संगम : जिसमें असल गानेमें इस साझ को उठाव देनेके लिये दो एकोर्डियन श्री डेनियेल्स साहबने और सुमित मित्राजीने बजाये थे ।)जैसी कई शूनें ऐसी बजाई जो उनकी रेकोर्डझ, केसेट्स या सीडी कोई रूपमें प्रकाशित नहीं हुई थी । विज्ञापन प्रसारण सेवा पूना के स्थायी उद्दधोषक श्री मंगेश वाघमारेजी का कम्प्रेरींग भी बहोत बढ़िया रहा । श्री श्यामराजजीने भी राहूल देव बर्मन साहब के कई गानो को अपने साझ पर बख़ूबी अन्जाम दिया । पूरानी वेस्टर्न धून टक़ीला को इन दोनो कलाकारो ने बहोत सुन्दर तरीके से पेष किया । और इसके साथ श्री डेनियेल्स साहब का सुरतमें 39 साल पहेले देख़ा शॉ याद आ गया जिसमें भी यह धून उन्होंने बह्जाई थी । साउंड पहली लाईन में भी सह्य रहा यह इस शॉ की बड़ी बात रही । यह शो दि. 21वी फरवारी, 2009 का था ।
उसके बाद श्री नरेशभाईने फोन पर दि. 8 मार्च, 2009 के दिन बताया की श्यामराज जी सुरत 9 तारीख़ के के शॉमें आ रहे है, यो श्यामराजजी से सम्पर्क होने पर उन्होंने बताया । बह शॉ सुरत के पप्पू म्यूझीक गृप द्वारा स्व आर. डी बर्मन साहब के मानमें था । और मुम्बई सिने म्यूझिशियंस एसोसियेशन के साथ जूडे हुए कई दिग्गज बादक कलालार आने थे । तो मैँ शाम 6.15 पर उनकी सेटिंग के वक्त पहोंचा तो श्यामराजजीने मेरे कहने पर तूर्त ही सहमती जटाई छोटा इन्टर्व्यू देने के लिये और दोनों साझो पर छोटे टूकडे बजाने के लिये, जो खास रेडियोनामा के लिये है ।

तो अब देखीये मेरे साथ श्री श्यामराजजी की बातचीत (जो उनके साथ आये वायोलिन वादक श्री आसिफ़ अनसारी के केमेरा मेन की तरह सहयोग देने के कारण शक्य हुई है, इस लिये आसिफ़जी को भी धन्यवाद ) :



इसके बाद रात्री 9.30 पर शॉ हुआ तो गायक, साझिन्दें सभीने जम कर परफोर्म किया । हाँ साउंड थोडा कम होता तो और भी मझा आता ।

पियुष महेता ।
सुरत ।

3 comments:

सागर नाहर said...

बहुत खूब।
बहुत ही बढ़िया साक्षात्कार रहा।

Harshad Jangla said...

Nice Interview.

-Harshad Jangla
Atlanta, USA

Harshad Jangla said...

Nice Interview.

-Harshad Jangla
Atlanta, USA

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