दिलीप कुमार की एक लोकप्रिय फ़िल्म है नया दौर जिसमें नायिका है वैजयंती माला जिसका एक गीत बहुत लोकप्रिय है -
रेशमी सलवार कुर्ता जाली का
रूप सहा नही जाए नख़रे वाली का
एक ऐसा ही गीत किस्मत फ़िल्म का है जिसे भी हम बहुत सुनते है। इसमे नायक और नायिका विश्वजीत और बबिता है -
कजरा मोहब्बत वाला अखियों में ऐसा डाला
कजरे ने ले ली मेरी जान हाय रे मैं तेरे कुर्बान
इन दोनों ही गीतों को शमशाद बेगम और आशा भोसले ने गाया है। किस्मत फ़िल्म शायद साठ के दशक के अन्तिम वर्षो में रिलीज हुई थी और इसके शायद एक दो साल पहले ही रिलीज हुई थी फ़िल्म दस लाख।
फ़िल्म दस लाख में भी नायिका बबिता ही है और नायक है संजय। इस फ़िल्म में भी एक ऐसा ही गीत है। यह गीत विविध भारती समेत सभी स्टेशनों से पहले बहुत सुनवाया जाता था पर अब एक लंबा समय हो गया इस गीत को सुने हुए।
ये भी बड़ा मजेदार गीत है इसके अंतरे में मेरे महबूब फ़िल्म के लोकप्रिय गीत के मुखडे की पैरोडी भी है। इसमे आगरे के लाला है ओम प्रकाश और उनकी अन्ग्रेज़ी दुलहनिया है मनोरमा। गीत के जो बोल याद है वो है -
आगरे का लाला अंग्रेज़ी दुल्हन लाया रे
आगरे का लाला
सुबह सुबह उठ कर वो चाय भी बनाए
चाय भी बनाए अपने हाथों से पिलाए
ऐ हुस्न ज़रा जाग तुझे इश्क जगाए (मेरे महबूब की पैरोडी)
दीवाना तेरा लाया है इस टंकी में चाय
पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…
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Tuesday, July 7, 2009
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