आज जिस फ़िल्म के गीत की चर्चा मैं कर रही हूँ उस फ़िल्म का नाम शायद बहुतों ने सुना भी नहीं होगा। फ़िल्म का नाम है - जान हाज़िर है
यह फ़िल्म वर्ष 1977 के आस-पास रिलीज़ हुई थी। फ़िल असफल रही। बहुत ही कम समय के लिए सिनेमाघरों में चल पाई लेकिन यह गीत बहुत लोकप्रिय हुआ। दिलराज कौर की आवाज़ में यह गीत कभी बहुत सुनने को मिलता था। रेडियो के सभी केन्द्र इस गीत को बहुत सुनवाते थे फिर धीरे-धीरे सुनवाना कम होता गया और अब तो एक लम्बा समय हो गया इस गीत को सुने हुए।
इस फ़िल्म के बारे में कलाकारों के बारे में मुझे कोई जानकारी नही है। शायद दिलराज कौर ने पहली बार इसी फ़िल्म के लिए गाया। इस गीत का केवल मुखड़ा मुझे याद है -
सावन आया बादल छाए
मेरे पिया नाही आए
चलूँ वहाँ वो है जहाँ
मोसे रहा नहीं जाए
पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…
सबसे नए तीन पन्ने :
Tuesday, July 14, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 comments:
आपने अपनी उम्मीद बनाई हैं तो विविध भारती वाले अपनी पोटली से बाहर अवश्य बाहर निकालेंगंें । जानकारी अपलब्ध कराने के लिए धन्यबाद ।
ये गीत सुना हुआ लग रहा है.
Post a Comment
आपकी टिप्पणी के लिये धन्यवाद।