1974 के आसपास रिलीज उस समय की लोकप्रिय फिल्म हैं - दोस्त जिसमे नायक नायिका हैं धर्मेन्द्र हेमामालिनी और शत्रुघ्न सिन्हा की भी महत्वपूर्ण भूमिका हैं।
पहले इसके गीत बहुत सुनवाए जाते थे। फिर लम्बे समय से सुना नही पर पिछले लगभग एक-दो महीने से गाड़ी बुला रही हैं गीत दो-चार बार सुना तो इसका एक और लोकप्रिय गीत याद आ गया जिसे नही सुने बहुत समय हो गया।
इस गीत को रफी साहब ने गाया हैं। बीच-बीच में शत्रुघ्न सिन्हा की आवाज में शेरो-शायरी हैं। एक अंतरा शायद लताजी ने भी गाया हैं। इसके जो बोल याद आ रहे हैं वो इस तरह हैं -
दिल पे सह कर सितम के तीर भी पहन कर पाँव में जंजीर भी
रश्क किया जाता हैं आ बता दे के तुझे कैसे जिया जाता हैं
(लता) चैन महलों में नही रंगरलियो में नही दे दो थोड़ी सी जगह अपनी गलियों में मुझे
झूम कर नाचने दो अपनी मस्ती में ज़रा
पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…
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