महिला और युवा वर्ग की आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए निर्धारित दो कार्यक्रम - सखि-सहेली और जिज्ञासा लगता हैं विविध भारती के दूर-दराज के इलाको तक फैले नेटवर्क को ध्यान में रख कर तैयार किए जाते हैं। इनकी विषय-वस्तु में परिवर्तन की अब भी गुंजाइश हैं।
आइए, इस सप्ताह प्रसारित इन दोनों कार्यक्रमों पर एक नजर डालते हैं -
सप्ताह में पांच दिन एक घंटे के लिए दोपहर 3 बजे से प्रसारित होने वाले महिलाओं के कार्यक्रम सखि-सहेली में शुक्रवार को प्रसारित हुआ कार्यक्रम हैलो सहेली। फोन पर सखियों से बातचीत की रेणु (बंसल) जी ने। 8-10 फोन काल थे जिनमे से लोकल कॉल भी थे। घरेलु महिलाओं, छात्राओं ने बात की। एक छात्रा की बातचीत से पता चला कि उसके गाँव में अधिक सुविधाए नही हैं, वह प्राइवेट पढाई करती हैं, अब हिन्दी साहित्य में एम ए की पढाई कर रही हैं। परीक्षा के लिए गाँव से बाहर जाती हैं। अच्छा लगा कि गाँव के परिवार शिक्षा के प्रति जागरूक हो रहे हैं। घरेलु महिलाओं ने बताया कि घर का कामकाज करती हैं, सिलाई का काम करती हैं। विभिन्न क्षेत्रो से आए कॉलों से पता चला कि महाराष्ट्र में ठण्ड शुरू हो गई हैं, कश्मीर में गुलमर्ग में बर्फ पड़नी शुरू हो गई हैं पर अन्य स्थानों पर मौसम सुहावना हैं, हल्की धूप हैं। एक सखि ने बताया कि उसे डांस, गाना और खाना बनाने का बहुत शौक हैं। इस तरह सभी से बातचीत सुन कर लगा कि अब महिलाओं के प्रति सोच में गाँव, जिलो, कस्बो में भी शहरों की तरह विचारधारा बन रही हैं। वैसे अब भी कई महिलाए घरेलु कामो में ही रुचि ले रही हैं।
सखियों की पसंद पर नए-पुराने और बीच के समय के गाने सुनवाए गए जैसे पुरानी फिल्म नागिन का गीत, कुछ पुरानी फिल्म कटी पतंग और नई फिल्म व्हाट इज योर राशि फिल्म के गीत। इसके अलावा एक सखि ने शेरा डाकू फिल्म से एक गीत सुनवाने का अनुरोध किया जो बहुत ही कम सुनवाया जाता हैं -
इन्तेजार का आलम,तन्हाई और गम
रतनपुर, बरेली, छिंदवाड़ा से भी फोन आए, गाँव, जिलो से फोन आए। एक-दो नई सखियों ने फोन किया यानि पहली ही बार विविध भारती से संपर्क किया। एकाध कॉल ऎसी सखियों का था जो अक्सर फोन करती रहती हैं।
सखियों ने विविध भारती के कार्यक्रमों को पसंद करने की बात कही। कार्यक्रम के समापन पर बताया गया कि इस कार्यक्रम के लिए हर बुधवार दिन में 11 बजे से फोन कॉल रिकार्ड किए जाते हैं जिसके लिए फोन नंबर भी बताए - 28692709 28692710 मुम्बई का एस टी डी कोड 022 और कुछ अनिवार्य बाते भी बताई जैसे फोन करते समय यह देख ले कि आसपास बहुत शोर न हो रहा हो जिससे रिकार्डिंग साफ़ नही होगी, नेटवर्क भी ठीक होना चाहिए, यह भी पहले से तय कर ले कि किस गीत की फरमाइश करनी हैं।
शुरू और अंत में संकेत धुन सुनवाई गई जिसमे शीर्षक के साथ उपशीर्षक भी कहा जाता हैं - सखियों के दिल की जुबां - हैलो सहेली ! पूरे कार्यक्रम के दौरान रेणु जी ने सौम्य वातावरण बनाए रखा। इस कार्यक्रम को प्रस्तुत किया वीणा (राय सिंघानी) जी ने, रमेश (गोखले) जी के सहयोग से, तकनीकी सहयोग विनायक (तलवलकर) जी का रहा।
अन्य चार दिनों में सखि-सहेली कार्यक्रम में हर दिन दो प्रस्तोता सखियाँ आपस में बतियाते हुए कार्यक्रम को आगे बढाती हैं। हर दिन के लिए एक विषय निर्धारित हैं -सोमवार - रसोई, मंगलवार - करिअर, बुधवार - स्वास्थ्य और सौन्दर्य, गुरूवार - सफल महिलाओं की गाथा।
सोमवार को प्रस्तोता रही रेणु (बंसल) जी और ममता (सिंह) जी। यह दिन रसोई का होता है, सर्दियों के मौसम को ध्यान में रख कर सखियों द्वारा भेजे गए पत्रों में से व्यंजन चुन कर बताए गए। सरसों का साग पारम्परिक विधि से बनाना बताया गया, मिठाई में खीर सेप रबड़ी और सब्जियों में खट्टी भिंडी बनाना बताया गया। दोनों प्रस्तोता सखियों की बातचीत से यह भी पता चला कि इस तरह की भिंडी मध्य प्रदेश का व्यंजन हैं।
सखियों की पसंद पर पुरानी फिल्मो के लोकप्रिय गीत सुनवाए गए इन फिल्मो से - मदारी, प्यार की राहे, गूँज उठी शहनाई, गुमराह, नया रास्ता और दिल एक मंदिर फिल्म का शीर्षक गीत और नूरजहाँ फिल्म से यह गीत भी सुनवाया गया जो कम ही सुनवाया जाता हैं -
वो मुहब्बत वो वफाए किस तरह हम भूल जाए
मंगलवार को प्रस्तोता रही रेणु (बंसल) जी और निम्मी (मिश्रा) जी। यह करिअर का दिन होता है। इस दिन ऐसे करिअर के बारे में जानकारी दी गई जिसे मैंने पहली बार सुना - मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन। डाक्टर जब रोगी के बारे में कहते हैं तब उन बातो को लिख कर रिपोर्ट रूप में तैयार करना। इस तरह यह कड़ी केवल लड़कियां ही नही लड़को के लिए भी उपयोगी रही।
यह दिन युवा सखियों के लिए हैं इसीलिए इस दिन नए गाने ही सुनवाए गए। वांटेड, वंस अपॉन ए टाइम इन मुम्बई, जब वी मेट फिल्मो के गीत सुनवाए और दिल्ली 6 फिल्म से सखियों की फरमाइश पर यह क़व्वाली सुनना अच्छा लगा क्योंकि विविध भारती से आजकल कव्वालियाँ कम ही सुनने को मिल रही हैं - मौला मेरे मौला
बुधवार को प्रस्तोता रही निम्मी (मिश्रा) जी और ममता (सिंह) जी। इस दिन स्वास्थ्य और सौन्दर्य संबंधी सलाह दी जाती है्। सखियों के भेजे गए पत्रों से शहद, अंजीर, पुदीना, सरसों के तेल के उपयोग की सलाह दी, बताया कि पीने का पानी साफ़ पारदर्शी होना चाहिए और उबले पानी का उपयोग 24 घंटे बाद न करे।। इसके अलावा कुछ और जाने-पहचाने घरेलु नुस्के बताए गए। कोई नई जानकारी नही थी।
सखियों की फरमाइश पर सत्तर अस्सी के दशक की लोकप्रिय रोमांटिक फिल्मो के लोकप्रिय रोमांटिक युगल गीत सुनवाए गए, चितचोर, एक दूजे के लिए, जूली, लव स्टोरी, नागिन फिल्मो से और वारिस फिल्म से यह सदाबहार गीत भी शामिल था -
मेरे प्यार की उम्र हो इतनी सनम
तेरे नाम से शुरू तेरे नाम पे ख़त्म
आज गुरूवार हैं, आज प्रस्तोता रही रेणु (बंसल) जी और ममता (सिंह) जी। इस दिन सफल महिलाओं के बारे में बताया जाता है। इस दिन सखियों के पत्रों से एक ऎसी सखि का पत्र पढ़ कर सुनाया गया जिसमे संघर्षो से जूझते हुए मंजिल पाने की गाथा थी।
सखियों के अनुरोध पर कुछ ही पहले के समय की फिल्मो के गीत सुनवाए - मैं हूँ न, लगे रहो मुन्ना भाई , दूरियां फिल्मो से, बंटी और बबली से कजरारे और जोधा अकबर फिल्म से यह गीत भी शामिल था -
कहने को जश्ने बहारां हैं
हर दिन श्रोता सखियों के पत्र पढे गए। एक पत्र में कवि पन्त जी के बारे में संक्षिप्त जानकारी थी। एक पत्र में सिकंदर और अरस्तु की लघु बोध कथा सुनवाई गई। कुछ पत्रों में लिखा था संघर्ष करते हुए मंजिल की ओर बढ़ना हैं, प्लास्टिक का उपयोग कम करे, ऎसी ही जीवन में अमल करने योग्य बाते। पत्र पढ़ते हुए चर्चा भी होती हैं जिसमे जीवन संबंधी बाते बताई गई जैसे गुस्सा नही करना। विविध भारती के कार्यक्रमों संबंधी पत्र जब पढ़े जाते हैं तब ऐसा लगता हैं जैसे पत्रावली कार्यक्रम सुन रहे हैं। हमारा अनुरोध हैं कि हैलो सहेली में की जाने वाली सीधी बातचीत ठीक हैं। इन चारों दिन पत्रों का सिलसिला बंद कर साहित्य की चुनी हुई रचनाओं का पठन किया जा सकता हैं। साहित्य में महिलाओं के लिए कई प्रेरणादायी रचनाए हैं। कभी एक काव्य रचना पढी जा सकती हैं तो कुछ कहानियों और उपन्यासों का हर दिन कुछ अंश पढ़ते हुए सिलसिलेवार पठन किया जा सकता हैं। साहित्य के साथ हर दिन का विषय जैसे रसोई, करिअर आदि जारी रखते हुए फरमाइशी गीत सुनवाना उचित रहेगा।
कार्यक्रम के शुरू और अंत में सखि-सहेली की संकेत धुन सुनवाई गई। चारो दिन इस कार्यक्रम को प्रस्तुत किया कमलेश (पाठक) जी ने।
शनिवार को रात 7:45 पर सुना सामान्य ज्ञान का साप्ताहिक कार्यक्रम जिज्ञासा। समय यात्री टाइम मशीन के अंतर्गत मदर टेरेसा के जन्म शती पर उनके जीवन चरित की झांकी प्रस्तुत करती विशेष रेल की जानकारी दी गई जो मुबई सहित कुछ शहरों में आ चुकी हैं और कुछ शहरों में आने वाली हैं। इसके तुरंत बाद सुनवाया गया यह पुराना गीत बहुत अच्छा लगा - आइए बहार को हम बाँट ले - अच्छा चुनाव। 41 वे अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव और उसमे दिए गए एवार्डो की जानकारी दी। खेल जगत से इस निर्णय की जानकारी दी कि विश्व कप फुटबौल की मेजबानी 2018 के लिए रूस और 2022 के लिए क़तर करेगे, यहाँ नया गीत चुन कर सुनवाया गया। खोजी रिपोर्टर ने बताया कि दूरदर्शन ने श्याम बेनेगल के चर्चित धारावाहिक भारत एक खोज का वीडियो जारी किया जिसका शीर्ष संगीत सुनवाया गया जिसे सुन कर उन दिनों की याद आ गई। इंटरनेट कनेक्शन में वायरल हैकिंग में वाई हाई के प्रयोग की जानकारी दी साथ ही यह सलाह भी दी कि बिल अधिक आने पर पूछताछ करे। बताया गया कि खोजी रिपोर्टर का विशेष कार्यक्रम तैयार किया जाएगा, अगर आप के पास कोई सवाल हैं तो इस पते पर भेजे - gys@gmail.com
इस पूरे कार्यक्रम में श्याम बेनेगल की जानकारी को छोड़ कर सभी बाते समाचार पत्रों और इंटरनेट से आसानी से शहरियों को मिल जाती हैं। कुछ और स्तम्भ जोड़ कर शहरी युवाओं के लिए भी इसे अधिक उपयोगी बनाया जा सकता हैं। शोध, आलेख और स्वर युनूस (खान) जी का रहा। कार्यक्रम को प्रस्तुत किया विजय दीपक छिब्बर जी ने, तकनीकी सहयोग पी के ए नायर जी का रहा।
इन दोनों कार्यक्रमों को सुनकर ऐसा लगता हैं जब विविध भारती महिला और युवा वर्ग के लिए अलग कार्यक्रम तैयार कर ही रही हैं तब बच्चो के लिए भी कोई कार्यक्रम तैयार किया जा सकता हैं। बाल श्रोताओं के लिए भी विविध भारती में जगह होनी चाहिए।
इस सप्ताह ख़ास बात रही कि इस साल की बिदाई की तैयारियां शुरू हो गई। 31 दिसंबर को फोन-इन मन चाहे गीत कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा हैं। इसके लिए श्रोताओं से इस साल का अपना मन चाहा गीत सुनने के लिए 21 दिसंबर को फोन करने की सूचना दी गई। रिकार्डिंग 11 बजे से होगी। इसके लिए फोन नंबर वही हैं जो हमने ऊपर हैलो सहेली कार्यक्रम के लिए बताए हैं।
सबसे नए तीन पन्ने :
Thursday, December 16, 2010
महिला और युवा वर्ग के कार्यक्रमों की साप्ताहिकी 16-12-10
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