आदरणिय रेडियोनामा के पाठको,
नमस्कार, आज यानि दि. 15वी अक्तूबर, 2008 के दिन भारतीय सिने उद्योग के बारेमें बारीकी से संशोधन-कर्ताओं में से एक अव्वल दरज्जे के संशोधनकार तथा एक नया रास्ता बनाने वाले सुरत निवासी श्री हरीश रघुवंशी अपनी जीकवन यात्राके 59 साल समाप्त करके 60वे सालमें प्रवेष कर रहे है, तो इस खुशी के मोके पर मेरी तथा सिने संगीत प्रेमी लोगो की और से उनको हार्दीक शुभ: कामनाएं और इस मोके पर मेरे द्वारा उनके घर पर इन संशोधनों के बारेमें तथा इनके आधार पर अब तक प्रकाशित पुस्तको के बारेमें, जिनकी मुख: पृष्ठकी तसवीरें नीचे प्रस्तूत की गयी है, तथा आनेवाले दिनों मेँ उनके संशोधन पर आधारीत नये प्रकाशन के बारेमेँ, (हम दोनों गुजराती भाषी होते हुए भी इस मंच के लिये हिन्दी समझने वालों के लिये हिन्दी भाषामें) की गयी बात-चीत का दृष्यांकन चार भागोमेँ इधर प्रस्तूत किये है । (इस विचार का बीज मेरे मनमें मेरे और हरीश्भाई के मित्र और बलसाड निवासी श्री अखिल सुतरीया की गुजराती वेब-साईट www.akhiltv.com पर उनके प्रस्तूत हुए गुजराती साक्षात्कार को सुन कर पैदा हुआ । )(इधर एक बात मैं आपको बताना चाहता हूँ, कि मेरे शुरूआती कई सम्पर्को के लिये वे निमीत्त रहे है, जैसे हाल सुरत निवासी अभिनेता श्री क्रिश्नकांतजी, स्व. श्री केरशी मिस्त्री, उद्दधोषक श्री मनोह्र महाजन साहब । श्री एनोक डेनियेल्स के परिचय के लिये उन्हों ने उनका पूना का पता ढूंढने के लिये भी उनके पूणे निवासी पत्रकार मित्र श्री सुधाकर परूलेकर द्वारा मदद की थी जिनको हम दोनोंने और ष्री एनोक डेनियेल्स साहबने भी आज तक प्रत्यक्ष कभी नहीं देख़ा है ।) इन सँशोधनो को उन्होंने उनके 16 सालसे अकस्मातमेँ अपाहीज हुए आज करीब 38 साल के सुपुत्र की सेवा सुश्रुषा करते करते जारी किया है और इसमॆं कोई दाम कमानेका इरादा नहीं था क्यों की गाने पाने के लिये या फिल्मों की बूकलेट्स पाने के लिये या कभी मूसाफरी के लिये हुआ खर्च तो कोई गिनतीमेँ ही नही है ।
तो यह है मूकेश गीत कोष (जो किसी भी एक पार्श्व गायक के बारेमें इस प्रकार का सर्व प्रथम ग्रंथ है) का मुख़: पृष्ठ:
मूकेश गीत कोष के बारेमें अब सुनीये और देख़ीये श्री हरीशजी क्या कहते है । ( इस अभियानमेँ मैं भेटकर्ता और अकुशल सिनेमेट्रोग्राफर दोनों हूँ, इस लिये शुरूआती क्षणो के पश्चात मेँ आप को दिखूंगा नहीं ।)
गुजाराती फिल्मी गीत कोष (जो भारत की प्रादेषिक फिल्मो के बारेमें इस प्रकारका सबसे पहला ग्रंथ है) का मुख़: पृष्ठ
और अब् इनके बारेमें उनसे मेरी बात चीत :
इन्हें ना भूलाना तथा सायगल गीत कोष के मुख़;पृष्ठ
तथा इनके बारेमें उनसे बात चीत :
श्री हरीशजी के संशोधन पर आधारित आने वाले परिपाक के बारेमें उनसे बात चीत
इश्वर आपको तंदूरस्ती इस प्रकार दे की आप इन प्रकार के संशोधनों मेँ आनंद पूर्वक व्यस्त रहे और फिल्म इतिहास के रसिको को नयी नयी चीजें मिलती रहे ।
पियुष महेता ।
सुरत-395001.
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Wednesday, October 15, 2008
भारतीय फिल्म इतीहासकार श्री हरीश रधुवंशी की सालगिरह पर उनसे बातचीत
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7 comments:
हरीश रघुवंशी जी को हार्दिक शुभकामनायें और इस बातचीत को यहाँ पेश करने के लिये धन्यवाद ।
हरीश भाई एक आदर्श पिता तो हैँ ही एक सच्चे सँशोधनकर्ता और सँगीत प्रेमी हैँ सालगिरह की अनेकोँ बधाईयाँ ~~ Happy Birth Day Harish Bhai ~~~
और पियूष भाई आपको बहुत बधाई ऐसी गजब की चीज़ ले आये हैँ आज - आप दोनोँ सँगीत साधना करते रहेँ और यशस्वी बनेँ ये मेरी ईश्वर से प्रार्थना है
स स्नेह्,
- लावण्या
हरीश रघुवंशी जी को जन्मदिन की बहुत शुभकामनायें।
मैं परमपिता से कामना करता हुँ कि हरीशभाई शतायु हों और इसी तरह संगीत- साह्त्य साधना करते रहें।
पीयुष भाई को भी बहुत बहुत धन्यवाद की उन्होने इतनी मेहनत कर रघुवंशी साहब का साक्षात्कार रेडियोनामा के लिये लिया।
पीय़ूष भाई की कई पोस्ट रेडियोनामा की अनमोल धरोहर सी है।
Happy Birthday to Shree Harishbhai Raghuvanshi
तुम जीयो हझारों साल, सालके दिन हो पचास हजार, हेप्पी बर्थ डे टु यु
कांतिलाल परमार
हीचीन
श्री पियुषभाई महेता आपको धन्यवाद रेडियोनामा प्रोग्राम के लीये
आभार
श्री हरीश रघुवंशी जी को जन्मदिन की शुभकामनाएँ !
इस लेख के लिए पीयूष जी को धन्यवाद !
बहुत बहुत शुक्रिया । देर से देखी । पर ये कमाल की पोस्ट है । आपकी मेहनत को हम सलाम करते हैं । रघुवंशी जी को जन्मदिन मुबारक ।
श्री नीरजजी, श्री लावण्याजी, श्री सागरजी, श्री कांतीभाई, श्री अन्नपूर्णाजी और श्री युनूसजी,
मूझे खुशी है कि आप को यह पोस्ट पसंद आयी । होंसला बढ़ाने के लिये शुक्रिया ।
आप सभी के संदेश को मैंनें श्री हरीशभाई तक पहोचाया है, आप के नाम के साथ पूरा पढ कर सुनाये है । उन्हों नें भी सबको धन्यवाद कहा है ।
पियुष महेता ।
सुरत-395001.
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आपकी टिप्पणी के लिये धन्यवाद।