आज याद आ रहा है साठ के दशक की एक फ़िल्म का गीत। फ़िल्म का नाम है सी आई डी 909
यह फ़िल्म तो इतनी सफल नहीं हुई थी पर इसके गाने बहुत लोकप्रिय हुए थे। रेडियो के सभी केन्द्रों से फ़रमाइशी और ग़ैर फ़रमाइशी कार्यक्रमों में खूब बजा करते थे। अब बहुत समय से सुना नहीं है। इस फ़िल्म के मुख्य कलाकार है शायद फ़िरोज़ खान और मुमताज़।
आज जिस गीत को हम याद दिला रहे है उसे आशा भोंसले ने गाया है। आशा जी एक और लाजवाब रंग इस गीत में है जिसका संगीत भी बहुत बढिया है शायद ओ पी नय्यर का है। गीत के जो बोल याद आ रहे है वो इस तरह है -
यार बादेशाह यार दिलरूबा
ओ ओ ओ ओ ओ ओ
यार बादेशाह यार दिलरूबा
कातिल आँखों वाले
ओ दिलबर मतवाले
दिल है तेरे हवाले
यार बादेशाह यार दिलरूबा
ओ ओ ओ ओ ओ ओ
यार बादेशाह यार दिलरूबा
रातों की तनहाई मेरी जान न ले ले
तेरी लापरवाही मेरी जान से खेले
ओ ओ ओ ओ ओ ओ
नज़रे है नूरानी
मैं तेरी दीवानी
यार बादेशाह यार दिलरूबा
ओ ओ ओ ओ ओ ओ
यार बादेशाह यार दिलरूबा
मस्ताने अलबेले मेरी बात समझ ले
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क्यूँ तड़पाए आ जा
चैन न आए आ जा
यार बादेशाह यार दिलरूबा
ओ ओ ओ ओ ओ ओ
यार बादेशाह यार दिलरूबा
पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…
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Tuesday, October 13, 2009
आशा भोंसलें की आवाज़ का एक लाजवाब रंग - यार बादेशाह यार दिलरूबा
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