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Tuesday, April 6, 2010

मेरा जीवन फिल्म का शीर्षक गीत

वर्ष 1976 के आसपास एक फिल्म रिलीज हुई थी - मेरा जीवन

बहुत अच्छी उद्येश्यपूर्ण फिल्म थी। दूरदर्शन पर भी यह फिल्म दिखाई गई थी। इस फिल्म में नायक डाक्टर हैं। विद्यार्थी जीवन में ही एक दुर्घटना के शिकार व्यक्ति का आपरेशन करने से उसे निलंबित कर दिया जाता हैं।

नायक का नाम मुझे याद नही आ रहा, वैसे उन्हें अधिक लोकप्रियता नही मिली, कुछ ही फिल्मे की। नायिका और अन्य कलाकारों के बारे में भी याद नही आ रहा।

इस फिल्म का शीर्षक गीत बहुत लोकप्रिय हुआ था जिसे किशोर कुमार ने गाया हैं। यह संजीदा गीत फिल्म कोरा कागज़ के शीर्षक गीत की तरह ही हैं।

पहले रेडियो से बहुत सुनवाया जाता था पर अब लम्बे समय से नही सुना। इस गीत का मुखड़ा मुझे याद हैं और कुछ शायद अंतरा भी जो इस तरह हैं -

मेरा जीवन कुछ काम न आया
जैसे सूखे पेड़ की छाया

(शायद अंतरा इस तरह हैं)
दिन का सूरज रात का चन्दा
एक बराबर दोनों एक ही .......
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पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…

2 comments:

रोमेंद्र सागर said...

वाह ! क्या गीत याद दिला दिया....किसी ज़माने में ..गाहे बगाहे गुनगुनाया करते थे ! सही है के फिल्म " मेरा जीवन " का यह गीत फिल्म "कोरा कागज़ " के शीर्ष गीत से ही प्रभावित था ! और उसी गीत की तरह इसके गीतकार भी एम् जी हशमत साहब थे और संगीतकार थे सपन जगमोहन .....अपने समय में खासा प्रसिद्द हुआ था यह गीत ! बहरहाल....जब आपने इसका ज़िक्र छेड़ ही दिया है तो मैं इस पूरे गीत को लिपिबद्ध करने का लोभ संवरण नहीं कर पा रहा ......

मेरा जीवन कुछ काम ना आया
जैसे सूखे पेड़ की छाया ,
जैसे सूखे पेड़ की छाया ....!!

हो ....अपनों के होते हुए तन में बसी तन्हाई,
हो ....आंसू बना के खुशी आँखों से मैंने बरसाई
हो खुशिओं को रोते रोते ....दुनिया में अब तो मेरा जी घबराया
मेरा जीवन कुछ काम ना आया
जैसे सूखे पेड़ की छाया ,
जैसे सूखे पेड़ की छाया ....!!

हो .... बरस गए रे सावन दरिया भी जोश में आये,
हो ....फूल भी खिलने लगे, कलियों के मन मुस्काये
हो ...सूनी रही इक डाली , उस पे तो अब तक कोई फूल ना आया
मेरा जीवन कुछ काम ना आया
जैसे सूखे पेड़ की छाया ,
जैसे सूखे पेड़ की छाया ....!!

हो... जीने को जी ना चाहे ,
हो ....मांगू तो मौत ना आये
हो... साँसों के चलने को तो जीवन कहा ना जाए
हो...दर्द बसा के दिल में मेरा नसीब मुझको कहाँ पे लाया
मेरा जीवन कुछ काम ना आया
जैसे सूखे पेड़ की छाया ,
जैसे सूखे पेड़ की छाया ....!!

Anita kumar said...

इस गीत को सुर में सुने तो मजा आये

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