सवेरे के त्रिवेणी कार्यक्रम के बाद क्षेत्रीय प्रसारण तेलुगु भाषा में शुरू हो जाता है फिर हम दोपहर 12 बजे ही केन्द्रीय सेवा से जुडते है।
4 अप्रैल से कुछ कार्यक्रमों में परिवर्तन किया गया हैं लेकिन इस प्रसारण में कोई परिवर्तन नही हैं।
दोपहर 12 बजे का समय होता है इंसटेन्ट फ़रमाइशी गीतों के कार्यक्रम एस एम एस के बहाने वी बी एस के तराने का। हमेशा की तरह शुरूवात में 10 फ़िल्मों के नाम बता दिए गए फिर बताया गया एस एम एस करने का तरीका और इन संदेशों को 12:50 तक भेजने के लिए कहा गया ताकि शामिल किया जा सकें। पहला गीत उदघोषक की खुद की पसन्द का सुनवाया गया ताकि तब तक संदेश आ सके। फिर शुरू हुआ संदेशों का सिलसिला। शुक्रवार को गुड फ्रायडे था पर एक भी फिल्म ऎसी नही चुनी गई जिसमे प्रार्थना हो। हालांकि पहला गीत उदघोषक की पसंद का होता हैं, यह गीत इस अवसर का सुनवाया जा सकता था, लेकिन नही, शुरूवात हुई वही प्यार-मोहब्बत की चिट्ठी के गीत कबूतर जा जा जा से जिसके साथ प्यार किया तो डरना क्या, 1942 अ लव स्टोरी, जो जीता वही सिकंदर, डर, करीब, रंगीला, कुछ कुछ होता हैं जैसी अस्सी नब्बे के दशक की फिल्मे लेकर आई निम्मी (मिश्रा) जी।
शनिवार को नन्द किशोर (पाण्डेय) जी लेकर आए कुछ ही पुरानी फिल्मे - राजा हिन्दुस्तानी, दिल से, फिजा, चलते-चलते, अकेले हम अकेले तुम फिल्मो के रोमांटिक गीतों के लिए सन्देश आए और साथ ही कुछ और पुरानी फिल्म राम तेरी गंगा मैली फिल्म का यह कुछ अलग गीत भी सुनवाया गया - हुस्न पहाडो का
रविवार को नन्द किशोर (पाण्डेय) जी लेकर आए नई फिल्मे - ओंकारा, दोस्ताना, जिस्म, नो एंट्री, धूम 2, आ देखे ज़रा, कारपोरेट, बचना ऐ हसीनो। लगभग सभी रोमांटिक गीत रहे जैसे राज फिल्म से -
आपके प्यार में हम संवरने लगे
सोमवार को अजेन्द्र (जोशी) जी ले आए हम तुम, गैगस्टर, हमराज, नमस्ते लन्दन, गुरू, दुश्मन जैसी नई फिल्मे। श्रोताओं ने ऐसे गीतों के लिए सन्देश भेजे जो कम लोकप्रिय हैं।
मंगलवार को सपने, हिना, बाजीगर, सोलजर, मन, ख़ूबसूरत जैसी कुछ पुरानी फिल्मे लेकर आए नन्द किशोर (पाण्डेय) जी।
बुधवार को अभिनेता जितेन्द्र का जन्मदिन था, इस अवसर पर उन्ही की चुनी हुई फिल्मे लेकर आए अमरकांत जी। अच्छी स्वाभाविक प्रस्तुति रही। यह जानकारी भी मिली कि जितेन्द्र को लौकी का हलवा पसंद है और हर साल जिसे बीजू खोटे भेजते हैं। फिल्मे भी अच्छी लोकप्रिय चुनी गई। श्रोताओं ने भी अलग-अलग मूड के गानों के लिए सन्देश भेजे - जीने की राह फिल्म का आँख मिचौली गीत, फर्ज का गीत - मस्त बहारो का आशिक, हमजोली, धर्मवीर, हिम्मतवाला फिल्मो के गीत सुनवाए गए और शुरूवात विविध भारती की ओर से तोहफा फिल्म के शीर्षक गीत से हुई।
आज नन्द किशोर (पाण्डेय) जी लेकर आए नई फिल्मे -रोमांटिक गीतों के अलावा अलग भाव के गीतों के लिए भी सन्देश आए - कभी खुशी कभी गम का शीर्षक गीत, सलाम नमस्ते, मोहब्बते, वीर जारा, चुरा लिया हैं तुमने, हम आपके दिल में रहते हैं फिल्मो के गीत शामिल रहे।
आधा कार्यक्रम समाप्त होने के बाद फिर से बची हुई फ़िल्मों के नाम बताए गए, साथ ही अगले दिन की फिल्मो के नाम भी बताए गए और फिर से बताया गया एस एम एस करने का तरीका। एक घण्टे के इस कार्यक्रम के अंत में और बीच में भी अगले दिन की 10 फ़िल्मों के नाम बताए गए। संदेशों की संख्या अधिक रही। देश के विभिन्न भागो से संदेश आए। सप्ताह भर इस कार्यक्रम को प्रस्तुत किया विजय दीपक छिब्बर जी ने।
1:00 बजे कार्यक्रम सुनवाया गया - हिट सुपर हिट। यह कार्यक्रम हर दिन एक कलाकार पर केन्द्रित होता है, उस कलाकार के हिट सुपरहिट गीत सुनवाए जाते है। शुक्रवार को यह कार्यक्रम अभिनेता फिरोज खान पर लेकर आई निम्मी (मिश्रा) जी। साठ सत्तर और अस्सी तीन दशको में इस अभिनेता ने हिट गीत दिए पर अस्सी के दशक के गीत ही अधिक सुनवाए गए - कुर्बानी, जांबाज, यलगार, दयावान। सत्तर के दशक की एक ही फिल्म शामिल रही - धर्मात्मा जबकि इस दशक में उनकी मुमताज के साथ जोडी बहत हिट रही थी, गाने भी हिट थे - अपराध, उपासना और नागिन फिल्म का युगल गीत। सफ़र फिल्म का यह गीत सुपरहिट रहा जो अक्सर सुनवाया जाता हैं -
जो तुमको हो पसंद वही बात कहेगे
यह गीत फिरोज खान पर फिल्माया गया और मुकेश ने गाया हैं। साठ के दशक की चर्चा ही नही हुई जबकि ऊँचे लोग फिल्म का रफी साहब का गाया हिट गीत अक्सर सुनवाया जाता हैं, इस समय की साधना अभिनीत आरजू फिल्म में भी फिरोज खान थे। पता नही क्यों, इस कार्यक्रम में ये प्रमुख गीत शामिल नही किए गए।
शनिवार को नन्द किशोर (पाण्डेय) जी ने अभिनेत्री जया (भादुड़ी) बच्चन पर प्रस्तुत किया यह कार्यक्रम। उनके लोकप्रिय गीत सुनवाए - मिली, नौकर, जंजीर, अनामिका, शोर फिल्मो से। इन सभी फिल्मो में उन्होंने जया भादुड़ी के नाम से काम किया क्योंकि यह सभी फिल्मे उनके विवाह के पहले की हैं, वैसे बतौर नायिका उनकी लोकप्रियता इसी नाम से हैं जबकि कार्यक्रम में एक बार भी यह नाम नही बताया गया और हर बार जया बच्चन ही कहा गया। उनकी बतौर नायिका पहली फिल्म और पहले सोलो गीत जिसकी गायिका वाणी जयराम का भी यह पहला गीत हैं, इस फिल्म और गीत की चर्चा ही नही हुई - गुड्डी फिल्म से बोले रे पपिहरा। फिल्म चुपके-चुपके का तो गीत ही गलत सुनवाया - बागो में - यह गीत शर्मिला टैगोर और धर्मेन्द्र पर फिल्माया गया हैं।
रविवार को नन्द किशोर (पाण्डेय) जी ने अभिनेत्री परवीन बाबी पर यह कार्यक्रम प्रस्तुत किया। उन की हल्की-फुल्की चर्चा करते हुए उनके गीत सुनवाए इन फिल्मो से - नमक हलाल, शान, गुद्दार, कालिया, सुहाग।
सोमवार को अजेन्द्र (जोशी) जी ने अभिनेत्री आशा पारेख पर यह कार्यक्रम प्रस्तुत किया। उनके लोकप्रिय गीत सुनवाए कारवां, मैं तुलसी तेरे आँगन की, हीरा, आन मिलो सजना, मेरा गाँव मेरा देश, बहारो के सपने फिल्मो से। उनके काम और उन्हें मिले प्रतिष्ठित पुरस्कारों की भी चर्चा की। बढ़िया संतुलित कार्यक्रम।
मंगलवार को अभिनेता सनी देवोल के लिए नन्द किशोर (पाण्डेय) जी ने प्रस्तुत किया। शुरूवात की उनकी पहली फिल्म बेताब के गीत से, इसके बाद सोहनी महिवाल फिल्मो के रोमांटिक गीतों के साथ त्रिदेव का तिरछी टोपी वाले गीत, शरारती गीत भी शामिल थे - चालबाज फिल्म से और यह गीत -
मैं निकला गड्डी लेके एक मोड़ आया
गानों के चुनाव में अच्छी विविधता रही।
बुधवार को अमरकांत जी ले आए अभिनेता विनोद खन्ना के हिट सुपरहिट गीत। इस एक ही गीत से पूरे कार्यक्रम का आनंद आ गया जो एक लम्बे समय बाद सुनने को मिला, फिल्म हम तुम और वो से किशोर कुमार का गाया शुद्ध हिन्दी गीत -
प्रिय प्राणेश्वरी, हृदयेश्वरी
आप हमें आदेश करी तो प्रेम का हम श्रीगणेश करी
कुर्बानी. अमर अकबर एंथोनी, मैं तुलसी तेरे आँगन की, इम्तहान फिल्मो के गीत भी सुनवाए गए।
आज नन्द किशोर (पाण्डेय) जी ने संगीतकार विशाल भारद्वाज को प्रस्तुत किया। नए गीत सुनने को मिले। अधिकतर गुलज़ार के गीत ही सुनवाए गए। सभी गीत हिट-सुपरहिट नही लगे।
1:30 बजे का समय रहा मन चाहे गीत कार्यक्रम का। सप्ताह भर हर दिन नई पुरानी फिल्मो के मिलेजुले गीत सुनवाए गए। पत्रों पर आधारित फ़रमाइशी गीतों में शुक्रवार को एक भी गीत गुड फ्रायडे के अवसर का नही था। इस दिन राजेन्द्र (त्रिपाठी) जी ने सुनवाए राम तेरी गंगा मैली, पत्थर के सनम, फकीरा, राकी फिल्मो के गीत और झील के उस पार, शरीफ बदमाश और इन्तेकाम फिल्म के इस गीत की फरमाइश श्रोताओं ने बहुत दिन बाद की -
गीत तेरे साज का तेरी ही आवाज हूँ
अंत में दो गीत नई फिल्मो के थे जैसे तेरे मेरे सपने।
शनिवार को शहनाज (अख्तरी) जी ने सुनवाए श्रोताओं की फरमाइश पर इन फिल्मो के गीत - इम्तहान, कामचोर, शराबी, जानी दुश्मन, अंत में दो गीत नई फिल्मो के थे जैसे फिल्म और प्यार हो गया। शराबी फिल्म के गीत के समय उर्दू खबरे भी सुनाई दे रही थी, शायद तकनीकी गड़बड़ी क्षेत्रीय केंद्र से रिले में हुई।
रविवार को संगीता (श्रीवास्तव) जी ले आई सत्तर के दशक की बेहतरीन फिल्मो के लोकप्रिय गीत - सावन भादों, हाथ की सफाई, प्रेम पुजारी, रूप तेरा मस्ताना और नूरी का शीर्षक गीत। जैसा कि होता हैं अंतिम दो गीत उसके आगे के समय के सुनवाए गए जैसे फिल्म आशिकी।
सोमवार को गीत सुनवाने आई निम्मी (मिश्रा) जी। मेहबूब की मेहंदी, आ गले लग जा, सनम तेरी कसम, जूनून, रेफ्यूजी, संगीत, खिलाड़ी, 100 डेस। इस तरह इस दिन नए पुराने गीत एक साथ सुनने को मिले।
मंगलवार को शहनाज (अख्तरी) जी लेकर आई विविध गीत नई पुरानी फिल्मो से - इज्जत, अनामिका, चांदनी, रंग, अकेले हम अकेले तुम फिल्मो के रोमांटिक गीत और विविध भावो के गीत - अनाडी, अमर अकबर एंथोनी की क़व्वाली, झूठा कही का फिल्म से यह गीत -
जीवन के हर मोड़ पर मिल जाएगे हमसफ़र
जो दूर तक साथ दे ढूंढें उसी को नजर
गीतों के चुनाव में अच्छी विविधता रही।
बुधवार को शहनाज (अख्तरी) जी ने शुरूवात की पुरानी फिल्म नाईट इन लन्दन से जिसके बाद कुछ नई फिल्मे शामिल हुई - कुली, रंग, धनवान, दिलवाले, आशिकी, बेताब और जब वी मेट फिल्म के इस कम सुने जाने वाले गीत के लिए भी मेल आया -
आओगे जब तुम साथ
आज रेणु (बंसल) जी आई गीत सुनवाने। आशिक हूँ बहारो का फिल्म के शीर्षक गीत से शुरूवात हुई। फिर इसके पीछे के समय के गीत सुनवाए गए। गीतों के चुनाव में अच्छी विविधता रही। संगम फिल्म की प्रेम पाती का गीत, कल आज और कल फिल्म का शरारती गीत, विश्वास फिल्म का यह गीत सुनना अच्छा लगा जिसकी फरमाइश कम आती हैं -
आपसे हमको बिछड़े हुए एक ज़माना बीत गया
खानदान फिल्म, फिर आगे के समय के गीतों का सिलसिला चला मन, क़यामत, सोलजर, कभी खुशी कभी गम, चाहत फिल्मो के गीत भी शामिल थे। अलग-अलग मूड के गीतों को लिए अच्छा संतुलन रहा आज।
बुधवार और गुरूवार के ई-मेल मन चाहे गीत कार्यक्रम में इस सप्ताह मेल संख्या बढी।
इस कार्यक्रम में अन्य कार्यक्रमों के प्रायोजक के विज्ञापन भी प्रसारित हुए और संदेश भी प्रसारित किए गए जिसमें विविध भारती के विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में बताया गया। दूरदर्शन धारावाहिक के विज्ञापन भी शामिल रहे।
इस सप्ताह भी इस समय के प्रसारण में एक भी कार्यक्रम प्रायोजित नहीं था। जबकि हिट सुपरहिट कार्यक्रम को प्रायोजित किया जा सकता है।
इस प्रसारण के लिए स्टूडियो से तकनीकी सहयोग रहा - गणेश (शिंदे) जी, तेजेश्री (शेट्टे) जी, राजीव (प्रधान) जी का और नियंत्रण कक्ष (कंट्रोल रूम) से विनायक (रेणके) जी, सुमति (शिंघाडे) जी, सुभाष (कामले) जी ने इस प्रसारण के तकनीकी पक्ष को सम्भाला और यह कार्यक्रम श्रोताओं तक ठीक से पहुँच रहा है,यह देखने (मानीटर) करने के लिए ड्यूटी रूम में रहे आशा (नायकन) जी, मालती (माने) जी, कमला कुन्दर जी।
दोपहर में 2:30 बजे मन चाहे गीत कार्यक्रम की समाप्ति के बाद आधे घण्टे के लिए क्षेत्रीय प्रसारण होता है जिसके बाद केन्द्रीय सेवा के दोपहर बाद के प्रसारण के लिए हम 3 बजे से जुड़ते है।
सबसे नए तीन पन्ने :
Thursday, April 8, 2010
प्यार-मोहब्बत के गानों की दुपहरियों की साप्ताहिकी 8-4-10
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