यह कार्यक्रम को सुन कर कुछ श्रोतालोगोने सुरत से और गुजरात तथा देश के अन्य भागोसे भी मेरा फोन पर सम्पर्क किया श्री एनोक डेनियेल्स साहब का नं. जानने के लिये जिसमें एक थे इन्दौर के श्री कैलास शुक्लाजी जिन्होंनें डेनियेल्स साहब को तो फोन किया ही पर उनके नं को रेडियो पर प्रसारित करवाया और बादमें डेनियेल्स साहब से मेरी बात हुई तो उन्होंनें बताया कि फोन से ही जूड़े रहना पड़ा है । ज्योतिजीने मूझे फोन पर धन्यवाद कहते हुए बताया कि भारत और पाकिस्तानसे भी उन्हें ऐसी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई कि जो लोग आंठ बजे घरसे निकल जाने वाले होते है उन लोगोंनें भी अपना निकलना आधा घंटा देरी से जाना तय करके कार्यक्रम सुना और बहोत सराहा ।
तो रेडियोनामा की और से श्री एनोक डेनियेल्स साहबको लम्बे, स्वस्थ, और संगीत के क्षेत्रमें सक्रियता बरकरार रहने वाली उम्र की शुभ:कामना देते हुए नीचे प्रस्तूत कर रहा हूँ, विविध भारती के एक बंध हो चूके फोन इन कार्यक्रम ‘हल्लो आप के अनुरोध पर’ का अंश जिसमें मैंनें प्रथम बार हिस्सा लिया था, हमारे रेडियोनामा के एक चहिते पोस्ट लेख़क श्री युनूस भाई और मीठी आवाझ वाली रेडियो सख़ी श्रीमती ममता सिंध के साथ जिसमें पूरे भारतसे किसी ख़ास वाद्य और वादक कलाकार की फिल्मी धूनका अनुरोध करने वाला पहला और आख़री श्रोता रहा हूँ । हाँ, विविध भारती संग्रहालयमें मेरे अनुरोध वाली धून होते हुए भी समय की कमी के कारण नहीं ढूँढ पाने के कारण मेरी सहमती के साथ एक अलग धून सुनवाई थी पियानो-एकोर्डियन पर ही श्री एनोक डेनियेल्स साहब की ही और यह रेकोर्डिंग सुनते हुए एक और सस्पेन्स खुलेगा ।
|
अब उपर के रेकोर्डिंगमें मैंनें जो वैकल्पीक अनुरोध किया था और जिस LP का जिक्र किया था वैसी एक माईल-स्टोन रूप आल्बम डान्स टाईम जो डेनियेल्स साहब की वाद्यवृंद रचना है, प्रस्तूत कर रहा हूँ, ‘ओ मेरे सोना...’ फिल्म ‘तीसरी मंझील’ से जो विविध भारती से अन्तरालमें आज से करीब तीन साल पहेले बार बार प्रसारित होती थी ।
अब यही धून को पियानो-एकोर्डियन वादन के रूपमें सुनिये, जिसमें भी वाद्यवृद संयोजन श्री डेनियेल्स साहबका ही है और यह आल्बम उपरकी अल्बम से पूराना है । पर विविघ भारती और रेडियो सिलोन दोनों के पास होते हुए भी सालों के सालों से प्रस्तूत नहीं हुआ है ।
आज के रेडियो श्री लंका के श्री डेनियेल्स साहब वाले कार्यक्रम की काफ़ी अच्छी रेकोर्डिंग पूणे के श्रोता श्री गिरीश मानकेश्वरजी ने की है जो मेरे द्वारा की गयी रेकोर्डिंग से बहेतर है मूझे इ-मेईल से भेजने वाले है तो वह प्राप्त होते ही इस मंच पर प्रस्तूत होगी ।
श्री एनोक डेनियेल्स साहब को विविध भारती के ‘आज के मेहमान’ में आमंत्रीत करने के लिये मेरे बार बार के अनुरोध को एक बार फ़िर दोहराता हूँ पर विश्वास है, कि यह एक बेकार की कवायत है और इसे सुना-अनसुना या पढ़ा-अनपढ़ा ही किया जायेगा ।
एक बात यह भी हुई है कि श्री युनूसजी रेडियोवाणी और फेसबूकमें तथा उनके अन्य ब्लोग्समें तथा अपने बेटे जादू के साथ इतने-इतने मशरूफ़ हो गये है कि फिल्मी धून के शोक़ीन होते हुए भी इस मंच पर की फिल्मी धूनों की पोस्ट पर कई वक्त से एक भी टिपणी दे नहीं पाये है, यहाँ तक, कि अपने चहीते साझ सेक्षोफोन की धूनो की पोस्ट पर भी और अपने चहीते कलाकार मनोहरीदा के जनम दिन पर भी ! इस बार देख़ते है क्या होता है ।
आज आकाशवाणी अहमदावाद का भी स्थापना दिन है, तो उनके केन्द्र निर्देषक श्री भगीरथभाई पंड्या साहब तथा पूरे कर्मचारी-गण को भी बधाई ।
पियुष महेता ।
सुरत ।
1 comment:
इतनी अच्छी जानकारी के शुक्रिया.
नेट के प्रॉब्लम के कारण आज मैं गीत तो नहीं सुन पाया. कल फिर कोशिश करूंगा.
Post a Comment
आपकी टिप्पणी के लिये धन्यवाद।