1976 के आस-पास एक फिल्म रिलीज हुई थी - कागज़ की नाव
सामाजिक विसंगतियों पर बनी इस फिल्म को लोगो ने बहुत सराहा था। खूब चली थी यह फिल्म, सो इसके गाने भी खूब चले। दो या तीन गाने हैं इसमे। एक गीत अरूणा इरानी पर फिल्माया गया हैं जो मुजरा गीत हैं, उनकी महत्वपूर्ण भूमिका हैं इस फिल्म में।
इस फिल्म के नायक नायिका हैं राजकिरण और सारिका। राजकिरण की यह पहली फिल्म हैं। सारिका की ख़ूबसूरत नीली आँखों का अच्छा प्रयोग किया गया हैं इस फिल्म में।
इन दोनों पर फिल्माया गया एक युगल गीत बहुत लोकप्रिय रहा। विविध भारती समेत सभी केन्द्रों से बहुत सुनवाया जाता था। बहुत लम्बे समय से इसे नही सुना। अब तो बोल भी याद नही आ रहे। इस युगल गीत में स्वर शायद आशा भोंसले और सुरेश वाडकर के हैं।
पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…
3 comments:
दिमाग पर थोड़ा जोर डालना पडा मगर फिर जल्द ही याद आ गया !...मेरा फेवरिट गीत हुआ करता था , खूब गाया उन दिनों ...सारिका और राज किरण पर फिल्माया हुआ यह गीत आशा ताई ने सुरेश वाडकर नही बल्कि मनहर के साथ गाया था ! गीत के बोल थे ....चलिए पूरा गीत ही लिपिबद्द किये देतें हैं .....
मनहर : हर जनम में हमारा मिलन
दो दिलों का उजाला रहे
आशा : हाँ रहे
मैं तुम्हे देवता मान लूं
मन मेरा इक शिवाला रहे
मनहर : हाँ रहे ssss ....
मनहर : नैनों का संगम होता रहे
सपनों का सावन गाता रहे
आशा : फूलों के मेले लगते रहें
गीतों का मौसम आता रहे
दोनों : भोर की किरण , सांझ की पवन
गुनगुना के कहे .....
मनहर : हर जनम में हमारा मिलन
दो दिलों का उजाला रहे
आशा : हाँ रहे ssss
आशा: नदिया की बाहें फैली रहे
लहरों के आँचल खिलते रहे
मनहर :बदरा की छाओं महकी रहे
झूम के दो दिल मिलते रहे
दोनों: रूप का नगर प्रीत की डगर
मुस्कुरा के कहें ......
आशा: मैं तुम्हे देवता मान लूं
मन मेरा इक शिवाला रहे
मनहर : हाँ रहे sssss....
पहले खूब ही आया करता था ..अब तो यह इक भूला बिसरा गीत ही हो चुका है ! वक़्त वक़्त की बात है....
वैसे भि फ़िल्म के नायक किरण कुमार थे
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