वर्ष 1972 के आस-पास रिलीज हुई थी एक फिल्म - दो चोर
इसमे नायक नायिका है धर्मेन्द्र और तनुजा। यह फिल्म और इसके गीत बहुत लोकप्रिय रहे। विविध भारती समेत रेडियो के सभी केन्द्रों से बहुत सुनवाए जाते थे।
आज याद आ रहा हैं आशा भोसले का गाया मस्त गीत जिसे तनुजा पर बंजारा नृत्य शैली में फिल्माया गया हैं। इस गीत के कुछ बोल याद आ रहे हैं -
यारी हो गई यार से लग सुनो सुनो (या तुनो तुनो)
यार को काम क्या झूठे संसार से
यारी हो गई यार से लग सुनो सुनो (या तुनो तुनो)
उं उं उं उं उं उं उं यार से लग सुनो सुनो (या तुनो तुनो)
ओस में भीगे भीगे -------- के तले
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हमको जीवन मिल जाता हैं जहर के पीने से
जीते हैं प्यार से मरते हैं प्यार से
ओ यारी हो गई यार से लग सुनो सुनो (या तुनो तुनो)
उं उं उं उं उं उं उं यार से लग सुनो सुनो (या तुनो तुनो)
धर्म सदा अपना तो हंसना बोलना
लहराती बैय्या हैं और हैं चाल भी पायल सी
गूंजती हर गली प्रेम झंकार से
ओ यारी हो गई यार से लग सुनो सुनो (या तुनो तुनो)
उं उं उं उं उं उं उं यार से लग सुनो सुनो (या तुनो तुनो)
पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…
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Tuesday, April 20, 2010
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2 comments:
श्री अन्नपूर्णाजी,
यह गाना आशाजी का नहीं है पर लताजी का गाया हुआ है यह सौफीसदी सच है । गतली सुधारने के लिये क्षमा प्रार्थी हूँ ।
पियुष महेता ।
सुरत ।
वाह ...किस मधुर और मस्त गीत की याद दिला दी आपने ! बहुत खूब.... ! बाकी पियूष जी ने ठीक भूल सुधार किया कि यह गीत लता बाई का गया हुआ है ना की आशा ताई का ! दरअसल बहुत से गीत ऐसे हैं जो गाये तो लता जी ने हैं पर कहीं लोगों की स्मृतियों में आशा जी के गीतों के रूप में संयोजित हैं ! फिल्म पापी का गीत " हाँsss जाने जाना ...हाँsss मेहरबाना, जीने की अदा ..तुझको दिलरुबा,मैंsss दूं सिखा ...." और फिल्म अनामिका का गीत " बाँहों में चले आओ..." इसी तरह के गीत हैं !
बाक़ी इस ज़बरदस्त गीत की याद ताज़ा करने के लिए धन्यवाद ! मैं अपने कंप्यूटर पर सुन रहा हूँ...!!!!
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