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Wednesday, March 2, 2011

चले भोले बाबा ब्याह रचाने

आज महा शिवरात्री पर्व के अवसर पर सुबह भूले बिसरे गीत कार्यक्रम का आरम्भ अमरकांत (दुबे) जी ने मुनीमजी फिल्म से हेमंत कुमार और साथियो के गाए शिवजी की बरात के इस भक्ति गीत से किया जिसे हमने बहुत दिन बाद सुना -

शिवजी बिहाने चले पालकी सजा के भभूति लगाके

इसे सुनकर हमें एक और ऐसा ही गीत याद आया जो शायद कैलाशपति फिल्म का हैं और जिसे शायद (मोहम्मद) रफी साहब ने गाया हैं। यह दोनों गीत पहले रेडियो से बहुत सुना करते थे, अब लम्बे समय से नही सुना। वास्तव में फिल्मी भक्ति गीतों का कार्यक्रम ऐसे समय प्रसारित होता हैं जो क्षेत्रीय कार्यक्रमों का समय हैं इसीसे इस तरह के गीत हम सुन नही पा रहे।

इस गीत के कुछ बोल मुझे याद नही आ रहे हैं -

चले भोले बाबा चले शंकर बाबा
होके बैल पे सवार करके अनूठा सिंगार
चले भोले बाबा ब्याह रचाने को

पार्वती हैं मगन आज स्वागत की कर तैयारी
नाचत गावत धूम मचावत शिव आए ससुरारी
कितनी ही बाराते देखी यह बारात हैं न्यारी
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भांति भांति के आए बराती ले ले के उपहार
शिव का छोटा संसार बसाने को

पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…

2 comments:

daanish said...

'chale Bhole Baba bayaah rachaane ko"

Kailashpati film ka ye geet aapne pehle sunaa hi hai,,,,
Avinash Vyas ji ke sangeet nirdeshan mei sajaa ye geet bs kabhi radio par hi sunaa tha..
isi film ka ek geet
"aate hain kaashi se hokar.."
Mohinder Kaporr ka gaya hua bhi kaafi bajtaa rahaa hai...

aap kab sunvaayenge,,,
iskaa intzaar aaj hi se shuru... !!

annapurna said...

अधिक जानकारी के लिए शुक्रिया !

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