आज रेडियो श्रीलंका की पद्दमिनी परेराजीने इस अवसर पर उनकी युनिवोक्ष पर सुबह 7.15 से 7.30 तक पाँच धूने प्रस्तूत की, जिसकी रेकोर्डिंग पूना के मेरे मित्र श्री गिरीष मानकेश्वरजी से मेईल के द्वारा प्राप्त हुई है । तो मैं उनका और डो. अजितकूमारजी का विषेष आभारी हूँ जिन्होंने स्व. वी. बालसारा साहब की एकोर्डियन के साथ तसवीर लगाई और इस पोस्ट को थोड़ा सा अपना स्पर्श दिया । पर उसके बाद हार्मोनियम की विषेषता बतानी मूझे जरूरी लगी तो मैंनें बादमें संवर्धित किया है ।
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इस महान वादक कलाकार को श्रद्धांजलि स्वरुप आपके दो पुष्प की चाहत में ...
पियुष महेता ।
4 comments:
गुणी कलाकार को विनम्र श्रध्धांजलि
इस गुणी कलाकार को हमारी श्रद्धांजलि . काश की ये मीठी धुन और लम्बी होती...
मैं अजीत जी से सहमत हूँ।
वी. बलसारा जी को विनम्र श्रद्धांजलि !
बल्सारा जी के एकार्डियन की मिठास ही कुछ अलग है और बजाया गया गना भी लाजवाब । कुल सोने पर सुहागा । प्रस्तुती के लिए धन्यवाद । बलसारा जी को श्रद्धांजलि ।
चिदंबर काकतकर
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आपकी टिप्पणी के लिये धन्यवाद।