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Tuesday, March 8, 2011

आज वान शिप्ले को पूण्य तिथी पर श्रद्धांजलि

आज यानि ता. 8 मार्च एक जमाने के प्रसिद्ध और अपनी निज़ी स्टाईल के इलेक्ट्रीक हवाईन गिटार और वायोलिन वादक स्व. वान शिप्ले को इनकी मृत्यू तारीख़ पर श्रद्धांजलि के रूपमें उनकी एक आज के दिनोंमें अप्राप्य धून फिल्म धून्ध के शिर्षक गीत की इलेक्ट्रीक हवाईन गिटार पर एक अंश के रूपमें प्रस्तूत है ।



आज स्व. मनोहरी सिंह का जनम दिन है पर उन पर पोस्ट उनकी मृत्यू तारीख़ पर होगी ।
पियुष महेता ।
सुरत ।

5 comments:

annapurna said...

बहुत बढ़िया धुन !

सुनने में भी बहुत स्पष्ट हैं, वाकई यह अप्राप्य धुन हैं जिसे हमसे बांटने के लिए धन्यवाद !

वान शिप्ले जी को विनम्र श्रद्धांजलि !

ruby said...

bahut dhanyawad sir, bahut madhur sangeet . van shiple ko kaun bhool sakta hai.. shraddha suman arpit karti hoon van shiple saaheb ko.

PIYUSH MEHTA-SURAT said...

आदरणिय श्रीमती रूबीजी,
इस ब्लोग पर आज टिपणी कर्ता के रूपमें आपका स्वागत है । रेर संगीत को शोक़ीनो के सामने लानेका और पहचान करानेका यह एक प्रयास है । आशा है आप रेडियो सिलोन की हिन्दी सेवा से इस विषयमें अपना योगदान प्रदान जरूर करेंगी । और अन्नपूर्णाजी को भी धन्यवाद । रूबीजी आप अगर हो सके तो इस ब्लोग की नियमीत पाठक बन कर अन्नपूर्णाजी की विविध भारती के कार्यक्रमोंकी साप्ताहीक समीक्षा भी जरूर पढीये । हाँ, व्यस्तता थोडी अनियमीतता जरूर पैदा करती है । और अन्नपूर्णाजी, अब तो आप जान गई होगी की रूबीजी एस एल बी सी की बहोत ही स्पस्ट उच्चारणो वाली तरोजाझा उद्दघोषिका है ।

पियुष महेता ।

annapurna said...

रूबी जी का परिचय देने के लिए धन्यवाद !

ruby said...

piush ji,annpurna ji ko mera namashkar.agar unhen appatti na ho to unka contact number dene ka prayas karen.dhnyawaad.

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आपकी टिप्पणी के लिये धन्यवाद।

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