रामायण की चौपाइयों को शायद राजश्री प्रो ने पहली बार फिल्मी भक्ति गीत के रूप में प्रस्तुत किया।
अपनी दो फिल्मो में यह प्रस्तुतियां दी - पहली बार फिल्म गीत गाता चल में जसपाल सिंह की आवाज में जिसे सचिन पर फिल्माया गया और दूसरी बार फिल्म दुल्हन वही जो पिया मन भाए फिल्म में हेमलता की आवाज में जिसे रामेश्वरी पर फिल्माया गया।
दोनों बार मुखड़े में एक ही चौपाई रही पर अंतरे में दोनों फिल्मो में चौपाइयां अलग रही। दोनों में एक ही धुन दी रविन्द्र जैन ने। पहले रेडियो से अक्सर सुनते थे, यहाँ तक कि विशेष अवसर के लिए फरमाइशी कार्यक्रम में भी पर अब लम्बे समय से नही सुना।
मुखड़े की चौपाई हैं मंगल भवन अमंगल हारी ------
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
अंतरे की चौपाइयां हैं -
जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी
राम सिया राम ----------------------------
कैसी अनाथ पुरूष बिन नारी
राम सिया राम ---------------------
पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…
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