रेडियोनामा के पाठको नमस्कार. रेडियो की चर्चाओं के बीच मैं आज ये चर्चा लेकर आया हूँ जो की जरूरी भी है, और जरुरत भी.
बहुत दिनों से रेडियोनामा के स्वरुप बदलाव पर चर्चा हो रही थी , पर समयाभाव के कारण कुछ बात आगे नहीं बढ़ पा रही थी. बहुत खोज बीन के बाद ,मैं धन्यवाद देता हूँ हमारे आपके मित्र मनीष भाई का जिन्होंने मुझे अपने ब्लॉग, मुसाफिर हूँ यारो , का टेम्प्लेट उपलब्ध कराया. उसी में मैंने कुछ अपनी ओर से जोड़ा है.
3 comments:
मुझे स्क्रीन पर पूरी सामग्री दिख रही हैं. पर जब दाहिनी ओर आगे बढ़ते हैं तब वहां कुछ भी नही हैं. इस अनावश्यक विस्तार को क्या समाप्त नही किया जा सकता.
हेडर में दाहिनी ओर पुराने रेडियो का चित्र अकेला नजर आ रहा हैं उसके नीचे सामग्री नही हैं. हेडर को सामग्री के ठीक ऊपर तक ही सेट किया जा सकता हैं क्या... चाहे तो रेडियो मिर्ची की जगह कम कर दीजिए.
अजीत भाई शुक्रिया।
शानदार ले-आउट।
आंखों को सुकून दे रहा है।
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आपकी टिप्पणी के लिये धन्यवाद।