आदरणिय पाठक-गण,
आप को मिली जूली भाषा वाला शिर्षक देख़ ताज्जूब हुआ होगा, पर आगे पढ़ते जायेंगे तो यह स्वाभावीक लगेगा । हाल ही में श्री हरीष भीमाणीजी अहमदावाद एक गायिका श्री माया दीपक की एक सीडी मोक्ष के अंदर समाविष्ट श्लोको की सरल श्राव्य समझ की ध्वनि-मुद्री के लिये गये थे तो वहाँ किसी कारण अवकाश बना। तो दिव्य भास्कर की अमदावाद एडिसन वालोंनें उनसे सम्पर्क करके एक मुलाकात अपने अख़बार के लिये ली और ज्नके प्रतिनिधी थे श्री सुधा भट्ट । श्री हरीषजी से उस समाचारपत्रके उस पन्ने के उस हिस्से की प्रत उनसे प्राप्त हुई है । तो हमारा दोनों के गुजराती भाषी होने के गौरव के कारण इस हिन्दी ब्लोग पर उसे प्रस्तूत किया है, तो उसे गुजराती जाननेवाले सभी लोग चावसे पढ़े वैसी आशा है । और यह दिव्य भास्कर के सौजन्य से प्रस्तूत हुआ है ।
पियुष महेता ।
सुरत ।
अगर डो. अजीत कूमारजी को लगे क्री उनकी रेडियोनामा के ले-आऊट के बदलाव को और विचार-विमर्श की आवश्यकता है तो इस पोस्ट को वे एक दो दिन के लिये छिपा सकते है ।
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Wednesday, April 27, 2011
'मैं समय हूँ ।' મને ઓળખ્યો.
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2 comments:
Shri Harish bhai Bheemani ji ne " SAMAY " ki awaaz se T.V. series " MAHABHARAT " ko chaar chaand laga diya
Harish bhai ki dharm patni SANDHYA , mere Gujrati school ki sah pathee rahee hain .
Bhimanee pariwaar ke liye Shubh kaamna aur
Piyush bhai ka aabhaar .
लावण्याजी,
आपकी टिपणी को मैनें कोपी पेस्ट करके श्री हरीष भीमाणी साह्बको चेटींग के दौरान ओनलाईन भेज़ा तो उन्होंनें कैसे हसते हुए आपके लिये प्रत्यूत्तर दिया वह भी यहाँ कोपी पेस्ट ही किया है । आप भी हंसेग़ी ही ।
'लावण्याजी ने मेरी आधी घरवाली को पूरी घरवाली बना दी. नहीं, उनकी बहन से ही मैं संतुष्ट हूं! लेकिन याद करने के लिए धन्यवाद.'
पियुष महेता ।
सुरत ।
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आपकी टिप्पणी के लिये धन्यवाद।