बहुत दिन से रेडियो से नहीं सुने गए गीतों की श्रृंखला में आज हम याद दिला रहे है अनोखी रात फ़िल्म के गीत की।
वर्ष १९७० के आस पास रिलीज़ इस फ़िल्म के सभी गीत लोकप्रिय रहे और रेडियो के हर केन्द्र से चाहे वो विविध भारती हो या सिलोन या फिर उर्दू सर्विस हो या क्षेत्रीय केन्द्र बहुत सुनवाए जाते थे। बाद में भी कुछ गीत कभी-कभार सुनने को मिले पर यह गीत सुनने को नहीं मिला।
शादी ब्याह के इस भावुक गीत को फ़िल्म में नायिका ख़ुद गाती है क्योंकि बड़ी ही विचित्र स्थिति में उसकी शादी होने जा रही है। नायिका है ज़ाहिरा या ज़ाहिदा जो पहली बार देव आनन्द की फ़िल्म गैम्बलर में नज़र आई थी। इस गीत को बहुत अच्छी तरह से फ़िल्माया गया है, निर्देशन बहुत अच्छा है। अपने नाम की ही तरह अनोखी है फ़िल्म जिसमें एक रात विभिन्न तरह के चरित्र एक जगह इकट्ठा होते है।
इस बिदाई गीत को गाया है लता मंगेशकर ने, गीत के बोलों में हालांकि कोई ख़ास बात नहीं है, बल्कि ये वो आम बोल है जो घर-घर में बेटियों के ब्याह के लिए बोले जाते है पर अपने विषय के कारण गीत बहुत ही भावुक बन पड़ा है। बोल है -
महलों का राजा मिला के रानी बेटी राज करेगी
ख़ुशी ख़ुशी कर दो बिदा तुम्हारी बेटी राज करेगी
जिस घर जाए स्वर्ग बनाए दोनों कुल की लाज निभाए
यही बाबुल जी देंगे दुआ
यही बाबुल जी देंगे दुआ के रानी बेटी राज करेगी
ख़ुशी ख़ुशी कर दो बिदा तुम्हारी बेटी राज करेगी
बेटी तो है धन ही पराया पास इसे कोई कब रख पाया
भारी करना न अपना जिया
भारी करना न अपना जिया के रानी बेटी राज करेगी
ख़ुशी ख़ुशी कर दो बिदा तुम्हारी बेटी राज करेगी
पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…
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Tuesday, January 6, 2009
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1 comment:
शुभकामनायें, अन्नपूर्णा जी, कि विविध भारती जल्दी ही अपनी पोटली खोले ----वैसे विवाह से संबंधित मेरा भी एक मनपसंदीदा गाना है ---- एक तो नील कमल का बाबुल की दुआयें लेती जा और दूसरा 1947 The Earth का --बन्नो रानी बड़ी सयानी ---होना ही था ,होना ही था ...क्या लाजवाब गाना है और इस में नंदिता दास का अभिनय भी काबिले-तारीफ़ है ---नववर्ष की बहुत बहुत शुभकामनायें --- थोड़ा लेट हो गया हूं तो क्या .....शुभकामनाओं की तो हर पल ज़रूरत रहती ही है।
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