अस्सी के दशक के शुरूवाती सालों में एक फ़िल्म रिलीज़ हुई थी - हम बच्चे हिन्दुस्तान के। यह फ़िल्म शायद फ़िल्म प्रभाग द्वारा तैयार की गई थी।
फ़िल्म तो उतनी लोकप्रिय नहीं हो पाई और जहाँ तक हैदराबाद की बात है मुझे ध्यान नहीं कि यहाँ यह फ़िल्म रिलीज़ भी हुई थी पर इस फ़िल्म के दो गीत बहुत लोकप्रिय हुए थे। दूरदर्शन से चित्रहार में भी बताए जाते थे और रेडियो से भी बहुत सुनवाए जाते थे। यहाँ तक कि जयमाला में फ़ौजी भाई भी इन गीतों की फ़रमाइश करते थे। फिर यह गीत बजना बन्द हो गए।
यह दोनों गीत समूह गीत जैसे है और गायक कलाकारों में शायद लोकप्रिय नाम नहीं है। यह दोनों गीत छोटे बड़े बच्चों के समूह पर फ़िल्माए गए है जिनमें से एक ही चेहरा जाना पहचाना है - पल्लवी जोशी जिन्हें हम बाद में दूरदर्शन धारावाहिक मृगनयनी में शीर्ष भूमिका में और कुछ फ़िल्मों और टी वी धारावाहिकों में देख चुके है।
एक शीर्षक गीत है जिसके कुछ बोल मुझे याद है पर दूसरा गीत तो मुझे बिल्कुल ही याद नहीं आ रहा। शीर्षक गीत इस तरह है -
हम बच्चे हिन्दुस्तान के है
हम बच्चे हिन्दुस्तान के
शुरूवाती बोल शायद कुछ इस तरह है -
आज हिमालय की चोटी से ऊँची अपनी शान है
वीर तिरंगे को रखने की ली है हमने ठान रे
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हम भारत माँ की संतान है
हम बच्चे हिन्दुस्तान के है
हम बच्चे हिन्दुस्तान के
कमाल है जो गीत कभी जनवरी और अगस्त माह में बहुत गूँजा करते थे आज उनके बोल भी याद नहीं आ रहे।
पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगें यह गीत…
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Tuesday, January 20, 2009
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4 comments:
सच कहा आपने ।
पुराने देश प्रेम से ओतप्रोत गीत तो लुप्त ही होते जा रहे है ।
आजकल तो बस फ़िल्म रंग दे बसंती और और रहमान के गाये हुए देशप्रेम के गीत ही सुनाई देते है ।
Mere paas shayad kahin is film ka ek audio cassette rakha hua hai...
आपने याद दिलाया है तो शायद इस बार पोटली खुले २६ जनवरी को.
यह गीत भी सुनवाए जयादा बह्टर रहगा.
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