आपमें से बहुतों को याद होंगे पुराने ज़माने के ट्राज़िस्टर जिनमें अक्सर तकनीकी गड़बड़ हो जाया करती थी। चलते-चलते रूक जाया करता था और जब धक्का लगाया जाता तो फिर चालू हो जाता। जब भी आवाज़ बन्द हो जाती कहा जाता एक थप्पड़ मार दो आवाज़ निकलेगी और मार खाकर आवाज़ निकलती भी।
कभी-कभी यूँ भी हो जाता कि एक स्टेशन से आवाज़ आने के बजाय पास के दूसरे स्टेशन से आवाज़ आनी शुरू हो जाती और कभी दो स्टेशन एक साथ बोलने लगते तो कभी एक के बाद एक।
आज एक ऐसा ही सीन याद आ रहा है जो मैनें एक हिन्दी फ़िल्म में देखा था जिसमें संजीव कुमार थे और नायिका शायद मौसमी चटर्जी थी।
होता यूँ है कि पति-पत्नी में झगड़ा हो जाता है तो पति संजीव कुमार कहते है कि पत्नी के बिना भी घर चल सकता है। कौन सी बड़ी बात है घर के काम करना। फिर गुस्से में ट्रांज़िस्टर चालू करते है और सुनाई देने लगता है महिला संसार कार्यक्रम जिसमें एक महिला आलू की सब्जी बनाना बता रही है। संजीव कुमार सोचते है मैं भी यह सुन कर सब्जी बनाऊंगा और शुरू हो जाते है।
तभी आवाज़ बन्द हो जाती है और धक्का देने पर दूसरा स्टेशन आता है जहाँ एक अवकाश प्राप्त फ़ौजी भाई अच्छे स्वास्थ्य के लिए योगासन बता रहे है। फिर दोनों केन्द्र मिल जाते है और संजीव कुमार कुछ इस तरह से काम करते है -
महिला - पहले आलूओं को धोइए
फ़ौजी भाई - फिर लंबी-लंबी सांसे लीजिए
अब आलूओं का छिलका निकल गया है अब इसके टुकड़े करने के लिए
दोनों हाथ ऊपर उठाइए नज़रे सीधी रख सामने देखिए
अब कढाही में तेल गरम करने के लिए रखिए
फिर धीरे-धीरे अपना बायां पैर ऊपर उठाइए और एक पैर पर खड़े हो जाइए
अब इन लम्बे टुकड़ों को धीरे-धीरे कढाही में छोड़िए
इसके लिए हाथों को नीचे ले आइए ताकि सुविधा रहे
अब जब तक टुकड़े गहरे लाल न तले जाए
ऐसे ही खड़े रहिए
अब टुकड़ों को पलटने के लिए
धीरे-धीरे अपना पैर ज़मीन पर ले आइए
करछी से धीरे से टुकड़ों को पलटाइए
और गहरी साँसे लीजिए, ऐसा तीन बार कीजिए
जिससे आलू पूरे लाल तले जाएगें
अब अगले आसन के लिए तैयार हो जाइए
सारा मसाला कढाही में मिला दीजिए
अगले आसन से पहले थोड़ा विश्राम करें
फिर नमक मिर्च डाल कर दो मिनट भूनिए और गरमा गरम सब्जी तैयार
और इसी के साथ रेडियोनामा का 250वाँ और अपना 90वाँ चिट्ठा समाप्त कर मैं बढ रही हूँ शतक की ओर
happy blogging and enjoy आलू की सब्जी…
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3 comments:
:)
कुछ ऐसा ही सीन कुली मे भी था जिसमे अमिताभ बच्चन ऑमलेट बना रहे थे योग की रेसिपी के साथ ।
फिल्म क नाम-इतनी सी बात
पियुष महेता
सुरत
धन्यवाद पीयूष जी ममता जी !
अन्नपूर्णा
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