पाठकगण!
मेरी इस श्रंखला जो विडीयो अपलोडिंग के सही नहीं होने के कारण अधूरी छूट गयी थी, इसको इस कडी़ में अपने उन विडीयो रेकोर्डिंग को चार भाग में बांटकर फिर से अलग अलग अपलोड कर रहा हूँ तो देखिये मेरी श्री अमीन सायानी साहब से बातचीत।
: भाग १
भाग २
भाग ३
भाग ४
इस बात के पूरी होने पर श्री सायानीजी ने प्यार से हम दोनों को विदा किया और अपनी केबिन में अपने कुछ दफ्तरी काम में जुट गये। परन्तु अमीन सायानी जी के सुपुत्र श्री राजिलजी ने बाहर के कमरे में अपना काम निपटाते हुए कुछ और समय हमारे साथ बहुत ही निजी़ मूड में बातें जारी रखी।
जैसा मैं आपको पहले बता चूका हूँ, उनसे भी मेरी पहचान रही है और अमीन साहब की तरह राजिल भी बहुत ही मिलनसार हैं। इस तरह करीब ४ बजे हम दोनों दोस्त अपने जीवन के बेहतरीन समय की यादों की बात करते हुए एक ही बस में बैठ कर बीचमें से अलग हो गये ।
रात्री को मैं अपने चचेरे भाई जतिन महेता, उसकी पत्नी श्रीमती रक्षा महेता और उसके बेटे मिलन महेता के यहाँ दो दिन के लिये रुकना हुआ। जतिन भाई मेरे सगे भाई नहीं है परन्तु हम दोनों में सम्बंध सगे से भी बढ़ कर है।
मेरे बहनोई श्री भगवान दास कापडिया (जो हकीकतमें मेरी फूफी की लडकी स्व. शारदा बहन के पति है), मेरे भांजे विनय कापडिया और उनकी पत्नी तृप्ती और उनके बेटे जैमीन के घर से चला। पाठको को इन सब नाम से कोई सीधा लेना देना तो नहीं है। पर जो पियुष महेता आप के सामने पेश हो रहा है, उनमें मुम्बई जैसे शहर में मिले इन सबके सहकार का मेरे मन महत्व होना चाहिए, वह तो आप भी मानेंगे । एक और कुटुम्ब भी है, जिनके नाम अगली पोस्ट में!
.....अगली पोस्ट विविध भारती की मुलाकात के बारे में।
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Sunday, May 18, 2008
मेरी मुम्बई यात्रा में श्री अमीन सायानीजी से मुलाकात भाग-२
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5 comments:
Dear Piyushbhai Maheta, I really enjoyed your video talk with Shree Amin Sayaniji. You have done a great work and I found all this in Gujarati as well, will talk with you tomorrow.
Best wishes,
Aavjo.
Kantilal Parmar
Hitchin - Herts - UK
અતિ આનંદ થયો આપની વિડીયો શ્રી અમીન સાયાનીજી સાથેના વાર્તાલાપ વિષે જોઈ. અભિનંદન
કાંતિલાલ પરમાર હીચીન યુકે
अमीन सयानी जी साथे तमारो साक्षात्कार जोयो ने बहु पसँद आव्यो छे पियुष भाई ...
मुबारक -
- लावण्या
बहुत बढ़िया साक्षात्कार रहा पीयूष भाई, रेडियोनामा टीम आपका धन्यवाद करती है कि इतनी बढ़िया शख्सियत का आपने रेडियोनामा के लिये साक्षात्कार लिया।
पियूष भाई,
अमीन सयानी से बातचीत सुनवाने का धन्यवाद। किसी कलाकार से सहज रूप में, अनौपचारिक बातों के दरमियान, जो व्यक्तित्व की छवि बनती है,वह यहाँ देखनें को मिली।
शुक्रिया पियूष जी ,
ये एक आत्मीय , दिलचस्प और कीमती तोहफा है हम सबके लिए। अमीन सयानी तो यादों में बसे हैं। वे कालजयी हैं।
आपके तीनो वीडियों क्लिप इत्मीनान से देखूंगा - सुनूंगा। फिर लिखता हूं।
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